
यदि यह सिद्ध हो जाता है कि प्राचीन मानव कम से कम 500 वर्षों तक आसानी से जिंदा रह सकता था तो हमें इतिहास को फिर से लिखना होगा। वंशानुक्रम तारीखों को बदलना होगा। वर्तमान में इंसान अधिक से अधिक 100 वर्ष जी सकता है। प्राकृतिक रूप से व्यक्ति की उम्र 125 वर्ष तक ही हो सकती है। फ्रांस की रहने वाली जीन कालमेंट 122 वर्ष तक जिंदा रही थीं। वर्तमान में ऐसे कई लोग हैं जो कि 100 वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी स्वस्थ हैं।
भारत में देवहरा बाबा के बारे में दावा किया जाता है कि वे 750 वर्ष तक जिंदा रहे। उनकी मौत 1990 में हो गई थी। त्रैलंग स्वामी जिन्हें 'गणपति सरस्वती' भी कहते हैं, उनकी उम्र 286 वर्ष की थी। त्रैलंग स्वामी का जन्म नृसिंह राव और विद्यावती के घर 1601 को हुआ था। वे वाराणसी में 1737-1887 तक रहे। इसी तरह शिवपुरी बाबा थे, जो 27 सितंबर 1826 में जन्मे और जनवरी 1963 में उन्होंने देह त्याग दी। बंगाल के संत लोकनाथजी का जन्म 31 अगस्त 1730 को हुआ और 3 जून 1890 को उन्होंने देह छोड़ दी।
हिंदू पुराणों के अनुसार अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि के अलावा अन्य कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं।
पांडुलिपि में लिखा है 5000 वर्षों तक जिंदा रहने का नुस्खा:
इंदौर के एक व्यक्ति के पास प्राचीन काल की एक ऐसी पांडुलिपि है जिसमें पांच हजार नहीं बल्कि 84 हजार वर्षों तक जिंदा बने रहने के नुस्खे लिखे हैं। हालांकि इसमें कितनी सचाई है यह तो उक्त पांडुलिपि पर शोध किए जाने के बाद ही पता चलेगी। आप भी वीडियो देखें और जानें कि आखिर कैसे और किस विधि से व्यक्ति 5 हजार वर्षों तक जिंदा रह सकता है।
क्या है 5 हजार वर्ष तक जीवित रहने का नुस्खा?
शुक्ल पक्ष पुरणमासी के दिन मूल, पाथ, डारी आदि सभी छाह में सूखाकर चूरण करें। सरसों के तेल में मधु और रुद्रवतंती का रस मिलाकर अंग पर लेप करें और माथे पर करें तो सफेद बाद काले हो जाते हैं। रुद्रवंती को पंचांग, घी और मधु के साथ खाने से पांच हजार वर्ष तक जीवित रह सकते हैं और सभी व्याथी यानी रोग से मुक्ति मिल सकती है। वीडियो में है संपूर्ण जानकारी।
from सेहत https://ift.tt/ubFZsDX