Men's Health: घर-परिवार, बच्चों और दफ्तर की जिम्मेदारियों को पूरा करने की भागमभाग में पुरुष अपना खयाल नहीं रख पाते हैं जिससे सेहत संबंधी परेशानियां होती हैं। इस वजह से लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर भी होते हैं। पुरुषों की जीवनशैली में असंतुलन की वजह से तनाव, अनिद्रा, हाइपरटेंशन हृदय रोग और मधुमेह जैसी दिक्कतें आम हैं। पिता के रूप में दायित्वों के साथ अपनी सेहत पर ध्यान देना आैर भी जरूरी है। आइए जानते हैं पुरूषाें की सेहत का हाल :-
आकड़ाें के अनुसार लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर की वजह से देश में पुरूषाें की आैसत आयु 66 वर्ष रह गर्इ है। करीब 80 प्रतिशत
पुरुष पूरा आराम न मिलनेे और काम के बोझ से तनाव में रहते हैं। अधिकांश हाई बीपी, मधुमेह, कोरोनरी हार्ट डिजीज जैसी बीमारियाें से पीड़ित हैं। 1000 में एक पुरुष अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्या को नजरअंदाज करता है जो उनके लिए बीमारी की वजह बनती है।
बढ़ती उम्र के साथ ऐसे रखें ध्यान
25 - 45 की उम्र
ऐसा पड़ाव है जिसमें व्यक्ति अपनी सेहत का खयाल नहीं रख पाता है। इस उम्र में मधुमेह और ब्लड प्रेशर के साथ तनाव और अनिद्रा की समस्या होती है। तकलीफ होने पर व्यक्ति खाना पीना भी कम कर देता है। गुस्सा और चिड़चिड़ेपन की आदत से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। समय रहते लक्षणों को पहचान कर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
45 - 55 की उम्र
ढलाव की होती है जहां उसका शरीर पहले की तुलना में कमजोर होने लगता है। शरीर में हो रहे बदलाव को गंभीरता से लें। हृदय रोग के मामले अधिक सामने आते हैं। इस लिए समय-समय पर जांच जरूरी है। सीने में दर्द या उलझन महसूस होती है तो इसे हल्के में न लें। बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं। यह हार्ट अटैक का लक्षण है।
55 से अधिक
की उम्र होने पर सेहत को लेकर अधिक सचेत हो जाना चाहिए। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो चुकी होती है। संक्रामक रोगों के होने का खतरा अधिक रहता है। किसी रोग से पीडि़त हैं तो ज्यादा सावधानी बरतें। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। भागदौड़ या कोई काम करते वक्त सावधानी बरतें अन्यथा परेशानी हो सकती है। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम जरूर करें।
ये जांचें नियमित कराएं
25 वर्ष की उम्र के बाद नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना चाहिए। शुगर लेवल की जांच डॉक्टरी सलाह पर करा सकते हैं। किडनी और लिवर फंक्शन टैस्ट के साथ थायरॉइड की जांच नियमित करानी चाहिए। आंखों संबंधी समस्या से बचाव के लिए नियमित आंखों की जांच कराते रहें। चश्मा लगाते हैं तो नंबर की जांच कराते रहें।
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सेहत के प्रति ज्यादा लापरवाह होते हैं पुरुष, ऐसे रखें ध्यान
Men's Health: घर-परिवार, बच्चों और दफ्तर की जिम्मेदारियों को पूरा करने की भागमभाग में पुरुष अपना खयाल नहीं रख पाते हैं जिससे सेहत संबंधी परेशानियां होती हैं। इस वजह से लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर भी होते हैं। पुरुषों की जीवनशैली में असंतुलन की वजह से तनाव, अनिद्रा, हाइपरटेंशन हृदय रोग और मधुमेह जैसी दिक्कतें आम हैं। पिता के रूप में दायित्वों के साथ अपनी सेहत पर ध्यान देना आैर भी जरूरी है। आइए जानते हैं पुरूषाें की सेहत का हाल :-
आकड़ाें के अनुसार लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर की वजह से देश में पुरूषाें की आैसत आयु 66 वर्ष रह गर्इ है। करीब 80 प्रतिशत
पुरुष पूरा आराम न मिलनेे और काम के बोझ से तनाव में रहते हैं। अधिकांश हाई बीपी, मधुमेह, कोरोनरी हार्ट डिजीज जैसी बीमारियाें से पीड़ित हैं। 1000 में एक पुरुष अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्या को नजरअंदाज करता है जो उनके लिए बीमारी की वजह बनती है।
बढ़ती उम्र के साथ ऐसे रखें ध्यान
25 - 45 की उम्र
ऐसा पड़ाव है जिसमें व्यक्ति अपनी सेहत का खयाल नहीं रख पाता है। इस उम्र में मधुमेह और ब्लड प्रेशर के साथ तनाव और अनिद्रा की समस्या होती है। तकलीफ होने पर व्यक्ति खाना पीना भी कम कर देता है। गुस्सा और चिड़चिड़ेपन की आदत से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। समय रहते लक्षणों को पहचान कर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
45 - 55 की उम्र
ढलाव की होती है जहां उसका शरीर पहले की तुलना में कमजोर होने लगता है। शरीर में हो रहे बदलाव को गंभीरता से लें। हृदय रोग के मामले अधिक सामने आते हैं। इस लिए समय-समय पर जांच जरूरी है। सीने में दर्द या उलझन महसूस होती है तो इसे हल्के में न लें। बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं। यह हार्ट अटैक का लक्षण है।
55 से अधिक
की उम्र होने पर सेहत को लेकर अधिक सचेत हो जाना चाहिए। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो चुकी होती है। संक्रामक रोगों के होने का खतरा अधिक रहता है। किसी रोग से पीडि़त हैं तो ज्यादा सावधानी बरतें। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। भागदौड़ या कोई काम करते वक्त सावधानी बरतें अन्यथा परेशानी हो सकती है। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम जरूर करें।
ये जांचें नियमित कराएं
25 वर्ष की उम्र के बाद नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना चाहिए। शुगर लेवल की जांच डॉक्टरी सलाह पर करा सकते हैं। किडनी और लिवर फंक्शन टैस्ट के साथ थायरॉइड की जांच नियमित करानी चाहिए। आंखों संबंधी समस्या से बचाव के लिए नियमित आंखों की जांच कराते रहें। चश्मा लगाते हैं तो नंबर की जांच कराते रहें।