बच्चों को खांसी-सर्दी होने पर सबसे ज्यादा परेशानी होती है। हमारी दादी-नानी के उपाय इन दिनों में जरूर आजमाएं
सूप-जिन बच्चों को अस्थमा की शिकायत होती है उनके लिए सर्दी में सूप बहुत लाभदायक होते है। चिकन सूप में इसमें एमिनो एसिड होता है, जिससे सर्दी के दौरान अस्थमा में आराम मिलता है। इसकी भाप लेने से भी आराम मिलता है। बुखार होने पर भी सूप बेहद फायदेमंद होते हैं। यह पौष्टिक होने के साथ ही बुखार में मुंह का स्वाद बदलने नहीं देते और भूख की कमी को दूर करते हैं।
औषधियों वाली चाय-औषधि वाली चाय गर्म होती है। इसके सेवन से गले की खराश और दर्द में आराम मिलता है। दालचीनी, कालीमिर्च, जायफल, लौंग, अदरक या तुलसी की पत्ती डालकर बनाई गई चाय सर्दी-जुकाम में लाभकारी होती है। इसके अलावा ग्रीन-टी और काली चाय भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है। इनसे दर्द में आराम मिलने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
विटामिन सी-सर्दी या अन्य मौसमी समस्या में विटामिन सी भी गुणकारी है। विटामिन सी की सौ मिलीग्राम की खुराक रोज लेने से सर्दी में आराम मिलता है। लेकिन अधिक मात्रा में लेने पर हानि भी हो सकती है और पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है। इसलिए सीमित उपयोग से यह फायदा पहुंचाता है। प्राकृतिक रूप से विटामिन सी आंवले, नीबू, संतरा आदि फलों में पाया जाता है।
फल-मौसमी बीमारियों में फलों का सेवन जरूर करना चाहिए। यह आपको आवश्यक पोषण देकर, कमजोरी दूर करते हैं और रोग प्रतिरोधक में इजाफा करते हैं। प्रतिदिन सेव या अन्य मौसमी फल का प्रयोग आपको बीमार होने से बचाता है, और शरीर की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
सूखे मेवे-कई बार बीमारी में कुछ खाने का मन नहीं होता या फिर कुछ खाने के बाद तबियत और खराब लगती है। ऐसे में कुछ मात्रा में सूखे मेवों का सेवन भी आपको आंतरिक मजबूती प्रदान करता है। इससे एकदम कमजोरी महसूस नहीं होगी और आपकी भूख भी मिट जाएगी।
इसके अलावा इन बातों का रखें ख्याल-
* नियमित रूप से रोज रात में सोने से पहले हल्दी वाली दूध पीएं।
* अदरक के एक छोटे से टुकड़ें में हल्का सा नमक लगाकर इसका सेवन करें।
* स्टीम लेना शुरू करें। जब भी नाक बंद लगें तो भाप जरूर लें।
* हल्का गुनगुना पानी दिनभर पीते रहें।
* फ्रीज का पानी पीते हैं, तो तुरंत बंद कर दें।
* गले में खराश या दर्द होने पर गरारे करें।
सर्दी, खांसी और फ्लू का संक्रमण होने पर किन बातों का रखें ध्यान -
दिनभर खूब पानी पिएं, लेकिन पानी उबला हुआ हो इस बात का ध्यान रखें। कम से कम 6 से 7 ग्लास लिक्विड डायट जरूर लें।
लहसुन और मिर्च को भोजन में शामिल करें। लहसुन गर्म होने के साथ ही एंटीबैक्टीरियल होता है, और मिर्च में कैप्सैसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो नेजल और साइनस कंजेक्शन ठीक करने में सहायक होता है।
मशरूम, नींबू और शहद को डायट में शामिल करें।
जिंक युक्त भोज्य पदार्थों का भरपूर प्रयोग करें। रेड मीट, अंडा, दही, साबुत अनाज को भोजन में शामिल करें।
अगर आप मांसाहारी हैं, तो चिकन सूप का प्रयोग जरूर करें। इसमें सिस्टाइन नामन तत्व पाया जाता है, जो कफ को ढीला करने में मदद करता है।
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