google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 जानें वाटर थेरेपी के बारे में होगा, कई रोगों में फायदा - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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जानें वाटर थेरेपी के बारे में होगा, कई रोगों में फायदा

पानी में इतनी शक्ति है कि इससे सिरदर्द, बदनदर्द, दमा, मिर्गी, मोटापा, बवासीर, कब्ज और हृदय रोग दूर होते हैं। इसके लिए विशेषज्ञ वाटर थैरेपी प्रयोग में लाते हैं।
कैसे करें: रात में तांबे के बर्तन में करीब सवा लीटर पानी रख लें और सुबह पीएं। ध्यान रखें कि पानी पीने के 45 मिनट तक कुछ खाएं-पीएं नहीं। अगर इतना पानी एक बार में नहीं पी सकते तो पहले एक लीटर पानी पीएं, पांच मिनट बाद शेष पानी पीएं। इसके अलावा खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, इससे घुटनों में दर्द होता है।
फायदा: मोटापा व तनाव कम होगा, पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।
त्वचा रोगों के छुपाएं नहीं-
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक त्वचा की किसी बीमारी जैसे एग्जिमा (त्वचा में रूखापन, खुजली और लाल धब्बे होना) का इलाज एलोपैथी में कराने के बाद होम्योपैथी ट्रीटमेंट में आता है, तो दवाइयों के जरिए बीमारी को पहले बाहर निकाला जाता है क्योंकि इनसे त्वचा की सबसे ऊपरी परत प्रभावित होती है। अगर इन्हें दबा दिया जाए तो यह अस्थमा, जोड़ों के दर्द और हृदय रोगों का कारण भी बन सकती हैं। इस उपचार में 3-6 महीने का समय लगता है। अगर कोई व्यक्ति स्किन की किसी तकलीफ के लिए पहली बार में ही होम्योपैथी इलाज करा लेता है, तो समस्या 15 दिनों से लेकर एक महीने में ठीक हो जाती है।



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जानें वाटर थेरेपी के बारे में होगा, कई रोगों में फायदा

पानी में इतनी शक्ति है कि इससे सिरदर्द, बदनदर्द, दमा, मिर्गी, मोटापा, बवासीर, कब्ज और हृदय रोग दूर होते हैं। इसके लिए विशेषज्ञ वाटर थैरेपी प्रयोग में लाते हैं।
कैसे करें: रात में तांबे के बर्तन में करीब सवा लीटर पानी रख लें और सुबह पीएं। ध्यान रखें कि पानी पीने के 45 मिनट तक कुछ खाएं-पीएं नहीं। अगर इतना पानी एक बार में नहीं पी सकते तो पहले एक लीटर पानी पीएं, पांच मिनट बाद शेष पानी पीएं। इसके अलावा खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, इससे घुटनों में दर्द होता है।
फायदा: मोटापा व तनाव कम होगा, पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।
त्वचा रोगों के छुपाएं नहीं-
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक त्वचा की किसी बीमारी जैसे एग्जिमा (त्वचा में रूखापन, खुजली और लाल धब्बे होना) का इलाज एलोपैथी में कराने के बाद होम्योपैथी ट्रीटमेंट में आता है, तो दवाइयों के जरिए बीमारी को पहले बाहर निकाला जाता है क्योंकि इनसे त्वचा की सबसे ऊपरी परत प्रभावित होती है। अगर इन्हें दबा दिया जाए तो यह अस्थमा, जोड़ों के दर्द और हृदय रोगों का कारण भी बन सकती हैं। इस उपचार में 3-6 महीने का समय लगता है। अगर कोई व्यक्ति स्किन की किसी तकलीफ के लिए पहली बार में ही होम्योपैथी इलाज करा लेता है, तो समस्या 15 दिनों से लेकर एक महीने में ठीक हो जाती है।

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