google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 अवसाद बन रही युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या, जानें इसके बारे में - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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अवसाद बन रही युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या, जानें इसके बारे में

प्रतिस्पर्धा, आपाधापी और भागदौड़ भरी जिंदगी ने कुछ समस्याएं पैदा की हैं इनमें से एक है डिप्रेशन। इससे पीड़ित लोगों में युवाओं की संख्या ज्यादा है। जानें डिप्रेशन से कैसे बचा जाए-

बनता दूसरे रोगों का कारण -
डिप्रेशन रोगी में गंभीर रोगों जैसे हृदय रोग, बे्रन स्ट्रोक, हायपरटेंशन और डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा यह व्यक्तिके सामाजिक और पारिवारिक सम्बंधों पर भी असर डालता है।

डिप्रेशन के प्रकार -
सीजनल अफैक्टिव डिस्ऑर्डर
पोस्ट पार्टम डिप्रेशन
पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन
साइकोटिक डिप्रेशन
बाइपोलर डिप्रेशन
डिस्थायमिया

ये हैं कारण-
ये दिमाग में रसायनिक परिवर्तन के कारण होता है। इसमें सिरोटोनिन, डोपामिन आदि रसायनों की मात्रा मस्तिष्क में घटने लगती है। कुछ मामलों में यह आनुवांशिक भी होता है। इसके कारण हैं जैसे परीक्षा में फेल होना, पारिवारिक कलह, रिलेशनशिप का टूटना, करीबी की मृत्यु, आर्थिक तंगी, गंभीर हादसा, बच्चे के जन्म के बाद, लंबे समय तक रोग, कुछ दवाएं जैसे स्टीरॉयड हैं।

ऐसे पहचानें-
लगातार उदास रहना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना व उग्र होना, काम में रुचि न लेना, कोई भी काम करने पर खुश न होना, अत्यधिक थकान व कमजोरी महसूस होना, एकाग्रता और याद्दाश्त कमजोर होना, भूख कम या अधिक लगना, नींद कम या अधिक आना, बार-बार आत्महत्या का विचार सोचना, निरंतर नकारात्मक विचारों का आना और कुछ शारीरिक लक्षण जैसे दर्द, सांस उखडऩा, डायजेशन में प्रॉब्लम होना आदि।

इलाज-
इसे दवाइयों, काउंसलिंग और थैरेपी (कॉग्निटिव बिहेवियर) से इलाज किया जाता है। इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे नियमित एक्सरसाइज करें, पूरी नींद लें, कैफीनयुक्त चीजें कम लें, शराब-धूम्रपान और तंबाकू से परहेज करें। रचनात्मक कार्य जैसे पेंटिंग आदि करें।



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अवसाद बन रही युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या, जानें इसके बारे में

प्रतिस्पर्धा, आपाधापी और भागदौड़ भरी जिंदगी ने कुछ समस्याएं पैदा की हैं इनमें से एक है डिप्रेशन। इससे पीड़ित लोगों में युवाओं की संख्या ज्यादा है। जानें डिप्रेशन से कैसे बचा जाए-

बनता दूसरे रोगों का कारण -
डिप्रेशन रोगी में गंभीर रोगों जैसे हृदय रोग, बे्रन स्ट्रोक, हायपरटेंशन और डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा यह व्यक्तिके सामाजिक और पारिवारिक सम्बंधों पर भी असर डालता है।

डिप्रेशन के प्रकार -
सीजनल अफैक्टिव डिस्ऑर्डर
पोस्ट पार्टम डिप्रेशन
पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन
साइकोटिक डिप्रेशन
बाइपोलर डिप्रेशन
डिस्थायमिया

ये हैं कारण-
ये दिमाग में रसायनिक परिवर्तन के कारण होता है। इसमें सिरोटोनिन, डोपामिन आदि रसायनों की मात्रा मस्तिष्क में घटने लगती है। कुछ मामलों में यह आनुवांशिक भी होता है। इसके कारण हैं जैसे परीक्षा में फेल होना, पारिवारिक कलह, रिलेशनशिप का टूटना, करीबी की मृत्यु, आर्थिक तंगी, गंभीर हादसा, बच्चे के जन्म के बाद, लंबे समय तक रोग, कुछ दवाएं जैसे स्टीरॉयड हैं।

ऐसे पहचानें-
लगातार उदास रहना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना व उग्र होना, काम में रुचि न लेना, कोई भी काम करने पर खुश न होना, अत्यधिक थकान व कमजोरी महसूस होना, एकाग्रता और याद्दाश्त कमजोर होना, भूख कम या अधिक लगना, नींद कम या अधिक आना, बार-बार आत्महत्या का विचार सोचना, निरंतर नकारात्मक विचारों का आना और कुछ शारीरिक लक्षण जैसे दर्द, सांस उखडऩा, डायजेशन में प्रॉब्लम होना आदि।

इलाज-
इसे दवाइयों, काउंसलिंग और थैरेपी (कॉग्निटिव बिहेवियर) से इलाज किया जाता है। इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे नियमित एक्सरसाइज करें, पूरी नींद लें, कैफीनयुक्त चीजें कम लें, शराब-धूम्रपान और तंबाकू से परहेज करें। रचनात्मक कार्य जैसे पेंटिंग आदि करें।

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