जल और वायु का परिवर्तन हमारे शरीर के प्राकृतिक ढांचे को बिगाड़ सकता है। फिर चाहे आप कितने ही पोषक तत्व खाएं या कितने ही योग आसन करें शरीर अस्वस्थ ही रहेगा। शरीर और मन के बीच की कड़ी है प्राणायाम। प्राणायाम है सृष्टि की वायु और आयु।
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