महिलाओं को 30 की उम्र के बाद एक-दो साल के अंतराल में कुछ शारीरिक जांचें जरूर करानी चाहिए। ये टेस्ट बढ़ती उम्र के साथ होने वाली गंभीर बीमारियों के प्रति हमें पहले ही आगाह कर देते हैं जिससे सही समय पर इलाज, परहेज व सावधानियां अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता है।
ब्लड प्रेशर : अगर बीपी 120/८० से 139/८९ के बीच हो तो साल में एक बार जांच कराएं और अगर बीपी 140/९० से ज्यादा हो तो डॉक्टर से तुरंत इलाज कराने की जरूरत है क्योंकि ये हाइपरटेंशन का इशारा है। हाई ब्लड प्रेशर से स्ट्रोक, दिल की बीमारियां और किडनी खराब होने जैसी गंभीर समस्या हो सकती हैं।
थायरॉइड : 35 के बाद अचानक से वजन बढऩे, कोलेस्ट्रोल, उदासी, तनाव जैसे लक्षण दिखें तो महिलाओं को थायरॉइड जांच करानी चाहिए। इसके लिए ब्लड टेस्ट कराना पड़ता है। खर्च 500-600 रुपए।
कोलेस्ट्रोल: हाई कोलेस्ट्रॉल से हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं इसलिए साल में एक बार ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। जिससे कोलेस्ट्रॉल के संतुलन और असंतुलन का पता चल सके। अगर कोलेस्ट्रोल 130 से ज्यादा हो, तो यह खतरे की घंटी है।
ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग : ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मेमोग्राफी की जाती है। 40 के बाद महिलाओं को हर दो साल में मेमोग्राफी करानी चाहिए।
खर्च लगभग 2000 रुपए होता है।
स्किन कैंसर स्क्रीनिंग : महिलाओं में 25 की उम्र के बाद मेलानोमा या अन्य स्किन कैंसर हो सकते हैं। गोरी त्वचा वाले लोगों में सांवली त्वचा के मुकाबले मेलानोमा का खतरा ज्यादा रहता है। वे लोग जिन्हें 18 की उम्र से पहले सनबर्न की बहुत परेशानी रही हो या जिनके परिवार में पहले से किसी को मेलानोमा रहा हो तो साल में एक बार फुल बॉडी स्किन कैंसर स्क्रीनिंग जरूर कराएं।
सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग : ये जांच करवाने से सर्विक्स(गर्भाश्य) और कोशिकाओं में सूजन या संक्रमण का पता चलता है जो कि सर्वाइकल कैंसर का लक्षण होता है इसलिए 30 के बाद पेप स्मियर(पेप्स टेस्ट) कराएं, नतीजा नॉर्मल आने के बावजूद हर तीन साल बाद ये जांच कराते रहें। खर्च ४00-५00 रुपए।
पेट की सोनोग्राफी : पथरी व बच्चेदानी के रोगों के लिए।
ईसीजी : हृदय संबंधी रोगों के लिए
आई चेकअप : आंखों व मोतियाबिंद के लिए।
यूरिन टेस्ट : यूरिन इंफेक्शन के लिए।
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30 की उम्र के बाद ये टेस्ट जरूर कराएं
महिलाओं को 30 की उम्र के बाद एक-दो साल के अंतराल में कुछ शारीरिक जांचें जरूर करानी चाहिए। ये टेस्ट बढ़ती उम्र के साथ होने वाली गंभीर बीमारियों के प्रति हमें पहले ही आगाह कर देते हैं जिससे सही समय पर इलाज, परहेज व सावधानियां अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता है।
ब्लड प्रेशर : अगर बीपी 120/८० से 139/८९ के बीच हो तो साल में एक बार जांच कराएं और अगर बीपी 140/९० से ज्यादा हो तो डॉक्टर से तुरंत इलाज कराने की जरूरत है क्योंकि ये हाइपरटेंशन का इशारा है। हाई ब्लड प्रेशर से स्ट्रोक, दिल की बीमारियां और किडनी खराब होने जैसी गंभीर समस्या हो सकती हैं।
थायरॉइड : 35 के बाद अचानक से वजन बढऩे, कोलेस्ट्रोल, उदासी, तनाव जैसे लक्षण दिखें तो महिलाओं को थायरॉइड जांच करानी चाहिए। इसके लिए ब्लड टेस्ट कराना पड़ता है। खर्च 500-600 रुपए।
कोलेस्ट्रोल: हाई कोलेस्ट्रॉल से हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं इसलिए साल में एक बार ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। जिससे कोलेस्ट्रॉल के संतुलन और असंतुलन का पता चल सके। अगर कोलेस्ट्रोल 130 से ज्यादा हो, तो यह खतरे की घंटी है।
ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग : ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मेमोग्राफी की जाती है। 40 के बाद महिलाओं को हर दो साल में मेमोग्राफी करानी चाहिए।
खर्च लगभग 2000 रुपए होता है।
स्किन कैंसर स्क्रीनिंग : महिलाओं में 25 की उम्र के बाद मेलानोमा या अन्य स्किन कैंसर हो सकते हैं। गोरी त्वचा वाले लोगों में सांवली त्वचा के मुकाबले मेलानोमा का खतरा ज्यादा रहता है। वे लोग जिन्हें 18 की उम्र से पहले सनबर्न की बहुत परेशानी रही हो या जिनके परिवार में पहले से किसी को मेलानोमा रहा हो तो साल में एक बार फुल बॉडी स्किन कैंसर स्क्रीनिंग जरूर कराएं।
सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग : ये जांच करवाने से सर्विक्स(गर्भाश्य) और कोशिकाओं में सूजन या संक्रमण का पता चलता है जो कि सर्वाइकल कैंसर का लक्षण होता है इसलिए 30 के बाद पेप स्मियर(पेप्स टेस्ट) कराएं, नतीजा नॉर्मल आने के बावजूद हर तीन साल बाद ये जांच कराते रहें। खर्च ४00-५00 रुपए।
पेट की सोनोग्राफी : पथरी व बच्चेदानी के रोगों के लिए।
ईसीजी : हृदय संबंधी रोगों के लिए
आई चेकअप : आंखों व मोतियाबिंद के लिए।
यूरिन टेस्ट : यूरिन इंफेक्शन के लिए।
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