कैफीन और दिमाग की केमिकल प्रोसेस
कॉफी में मौजूद मुख्य घटक होता है कैफीन। यह एक स्टिमुलेंट है, जो हमारे दिमाग की तंत्रिका प्रणाली को उत्तेजित करता है और हमें सतर्क बनाए रखता है। जब आप रात में कॉफी पीती हैं, तो ये आपके शरीर के मेलाटोनिन हार्मोन (जो नींद को नियंत्रित करता है) के उत्पादन में बाधा डालता है। इसके कारण नींद नहीं आती और मस्तिष्क में थकान के बावजूद एक्टिवनेस बनी रहती है। यह कृत्रिम सतर्कता आपके मूड और व्यवहार को भी प्रभावित करती है।
इम्पल्सिव बिहेवियर क्या होता है?
इम्पल्सिविटी का मतलब है बिना ज्यादा सोचे-समझे, किसी बात पर जल्द प्रतिक्रिया देना। यह व्यवहार कई बार गुस्से, चिड़चिड़ेपन, या जल्दबाजी वाले फैसलों के रूप में सामने आता है। महिलाओं में यह स्थिति खासतौर पर हार्मोनल बदलावों, नींद की कमी और स्ट्रेस के चलते और भी गहराई से जुड़ी होती है। जब रात में कॉफी पीकर नींद खराब होती है, तो यह मानसिक स्थिरता को बिगाड़ सकती है और इम्पल्सिव बिहेवियर बढ़ सकता है।
महिलाओं पर क्यों ज्यादा असर?
शोध बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मेटाबोलिज्म और हार्मोनल सिस्टम ज्यादा सेंसिटिव होता है। यही वजह है कि कैफीन का असर महिलाओं पर ज्यादा तीव्र और लंबे समय तक रहता है। अगर कोई महिला रात में कॉफी पीती है, तो कैफीन उसके शरीर में 6-8 घंटे तक सक्रिय रह सकता है, जिससे नींद पूरी नहीं हो पाती। नींद की कमी से हार्मोन असंतुलन बढ़ता है और मानसिक संतुलन गड़बड़ा सकता है। नतीजतन, महिला जल्दी गुस्सा कर सकती है, बिना बात के निर्णय ले सकती है या भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस कर सकती है।
नींद की गुणवत्ता पर असर
कॉफी पीने के तुरंत बाद आपको भले ही ऊर्जा का अनुभव हो, लेकिन इसका असर आपकी गहरी नींद पर होता है। रात की गहरी नींद ही आपके मस्तिष्क को दिन भर के तनाव से बाहर निकालती है। जब नींद अधूरी रहती है तो ब्रेन को सही से रीसेट होने का मौका नहीं मिलता, जिससे भावनाएं अस्थिर हो जाती हैं। कई महिलाएं इसके कारण सुबह उठते ही मूड खराब या चिड़चिड़ापन महसूस करती हैं।
कॉफी से होने वाले अन्य मानसिक प्रभाव
रात में कॉफी पीने से केवल इम्पल्सिव बिहेवियर ही नहीं, बल्कि एंग्जायटी, ओवरथिंकिंग और इरिटेशन जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। जो महिलाएं पहले से स्ट्रेस या तनाव में रहती हैं, उनके लिए रात में कैफीन का सेवन और भी हानिकारक हो सकता है। इससे डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा भी धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
हेल्दी आदतें अपनाएं
अगर आप देर रात तक काम करती हैं और नींद को भगाने के लिए कॉफी का सहारा लेती हैं, तो कुछ हेल्दी विकल्पों को अपनाना फायदेमंद हो सकता है:
- हर्बल टी या डिकैफ कॉफी पिएं: इनमें कैफीन की मात्रा न के बराबर होती है और ये नींद को बाधित नहीं करती।
- गुनगुना पानी या हल्दी वाला दूध लें: ये शरीर को आराम देते हैं और स्ट्रेस कम करते हैं।
- वर्क टाइम मैनेजमेंट: दिन में काम को सही तरीके से बांटें ताकि देर रात तक काम न करना पड़े।
- रात में स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल या लैपटॉप से नीली रोशनी दिमाग को जाग्रत बनाए रखती है, जो नींद में बाधा डालती है।
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