1. गर्भवती महिलाएं:-
गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक पोषण और हाइड्रोजन की आवश्यकता होती है। करवा चौथ का व्रत पूरे दिन भूखे और प्यासे रहने की परंपरा के साथ आता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है।
2. नर्सिंग महिलाएं:-
नर्सिंग यानी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को खुद के साथ-साथ अपने शिशु की पोषण आवश्यकताओं का भी ख्याल रखना पड़ता है। करवा चौथ का व्रत रखने से शरीर में पानी और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है।ALSO READ: पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत? इन बातों का रखें विशेष ध्यान
3. डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं:-
डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के लिए लंबे समय तक बिना खाना-पीना रहना उनके ब्लड शुगर लेवल के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक घट या बढ़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4. हृदय रोग से पीड़ित महिलाएं:-
हृदय रोग से पीड़ित महिलाओं को शरीर में ऊर्जा और हाइड्रोजन की निरंतर आवश्यकता होती है। लंबे समय तक उपवास से दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे दिल की समस्याएं बढ़ सकती हैं। ब्लड प्रेशर कम होने के कारण यह समस्या बढ़ सकती है।
5. कमजोरी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त महिलाएं:-
अगर कोई महिला पहले से ही किसी तरह की कमजोरी, पेट में कोई समस्या, बीमारी या सर्जरी से उबर रही है, तो उसे इस व्रत को रखने से बचना चाहिए। लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहने से शरीर की रिकवरी धीमी हो सकती है और सेहत और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।ALSO READ: करवा चौथ व्रत के नियम, इस दिन क्या करें और क्या नहीं
6. मासिक धर्म के दौरान न रखें यह व्रत:-
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कोई भी पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। इस दौरान अपनी सेहत का ध्यान रखकर ही व्रत रख सकते हैं परंतु पूजा पाठ नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यदि आप व्रत रखना ही चाहती हैं तो आप पूजा पति से करवा सकती हैं ताकि व्रत खंडित न हो।ALSO READ: करवा चौथ पर क्यों देखती हैं महिलाएं छन्नी से पति का चेहरा, जानिए इस परंपरा का महत्व
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