आज विश्व ल्यूपस दिवस (World Lupus Day) है। यह प्रतिवर्ष 10 मई को मनाया जाता है। ल्यूपस एक गंभीर बीमारी हैं, जो रोगी के शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती है, जो आंशिक भी हो सकती है और व्यापक रूप में भी। यह रोग इतना खतरनाक है कि इसमें मरीज के शरीर का वो संक्रमित अंग जो ल्यूपस की चपेट में आ चुका है, उसके कारण वह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल जाता है तथा रोगी के लिए कई तरह की मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
इस रोग से मरीज के मस्तिष्क, ह्रदय तथा कोशिकाओं को प्रभावित होने का ज्यादा खतरा होता है। हालांकि ल्यूपस के मरीजों की संख्या भारत में बहुत कम है। लेकिन आम तौर पर यह रोग 15-44 वर्ष के लोगों को अपने गिरफ्त में ले लेता है।
कारण :
ल्यूपस रोग होने का सबसे बड़ा कारण यह हैं कि जब किसी व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उसके शरीर के अन्य अंगों तथा ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगती है, तब रोगी को अपने शरीर में जलन महसूस होने लगती है, इतना ही नहीं शरीर में सूजन भी होने लगती है। और शरीर में होने वाले इस रोग को ल्यूपस के रूप में जाना जाता है। ल्यूपस रोगियों के शरीर के लिए सूर्य से निकलने वाली पैराबैंगनी किरणें हानिकारक होती हैं।
लक्षण :
बुखार,
जोड़ों का दर्द,
शरीर में जकड़न,
छाती में दर्द,
त्वचा में जलन,
थकान,
सूजन,
सांस लेने में परेशानी,
सिर दर्द आदि।
उपचार :
- ल्यूपस रोगी डॉक्टर की सलाह के बिना बुखार की दवाइयां नहीं लें।
- सुबह-शाम में व्यायाम (एक्सरसाइज) करें।
- सूर्य की रोशनी से बचकर रहे।
- स्मोकिंग से बचें।
- थकावट दूर करें।
- तनाव से दूरी बनाकर रखें।
- ड्रिंकिंग न करें।
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