क्या सफेद रक्त है दूध? दूध को कई लोग सफेद रक्त मानते हैं। दुनिया में ऐसा कोई भी भोजन नहीं है जिसे शाकाहारी भोजन के अंतर्गत रखा जा सकता हो। ऐसे में दूध को सफेद रक्त की श्रेणी में रखने वाले लोग भी मिल ही जाएंगे। प्राचीनकाल से लेकर आज तक दूध के शाकाहारी अथवा मांसाहारी होने को लेकर बहस चलती रही है। इस विषय पर कई शोध होने के बावजूद अब तक यह साबित नहीं हो पाया है कि दूध को किस श्रेणी में रखा जाए। हालांकि प्रोटेस्टेंट ईसाइयों ने तो 17वीं शताब्दी से ही दूध और इससे बनने वाले अन्य पदार्थों का निषेध शुरू कर दिया था। इस शाखा का मानना था कि दूध मांसाहारी भोजन है।
दूध वीगन पेय नहीं है : वीगन डाइट में पशु मूल के हर भोजन को शामिल नहीं किया जाता। वीगन डाइट में न केवल मांस, बल्कि डेयरी उत्पादों, अंडे और शहद को भी शामिल नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त, शाकाहारी खाद्य पदार्थों में कभी भी पशु कृषि का कोई उत्पाद नहीं होता है, जैसे कि चरबी, मट्ठा, या जिलेटिन।
ओशो की नजर में दूध : जब गायें दूध पैदा करती हैं तो आदमी के बच्चे के लिए पैदा नहीं करतीं, सांड के लिए पैदा करती हैं। और जब आदमी का बच्चा पिये उस दूध को और उसके भीतर सांड जैसी काम-वासना पैदा हो जाए, तो इसमें कुछ आश्चर्य नहीं है। वह आदमी का आहार नहीं है। कोई भी पशु बचपन के कुछ समय के बाद दूध नहीं पीता, सिर्फ आदमी को छोड़कर। दूध मांसाहार का हिस्सा है। दूध मांसाहारी है, क्योंकि मां के खून और मांस से निर्मित होता है। शुद्धतम मांसाहार है इसलिए जैनी, जो अपने को कहते हैं हम गैर-मांसाहारी हैं, कहना नहीं चाहिए, जब तक वे दूध न छोड़ दें। दूध एनिमल फूड है।
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