google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 अस्‍थमा और एलर्जी हैं तो योग और ब्रीथिंग एक्सरसाइज दिलाएंगे निजात - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

नए नुस्खे

Home Top Ad

Post Top Ad

अस्‍थमा और एलर्जी हैं तो योग और ब्रीथिंग एक्सरसाइज दिलाएंगे निजात

yoga


अस्थमा (दमा), श्वसन तंत्र (फेफड़ों) से संबंधित बीमारी होती है, जिसकी वजह से श्वास नलियों में सूजन आ जाती है और सूजन के कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। यही वजह है कि मरीज़ को श्वास लेने में काफ़ी परेशानी होती हैं और ठंड के मौसम में ब्रीथिंग सिस्टम में इन्फेक्शन की रिस्‍क भी बढ़ जाती है। ऐसी समस्‍याओं में योग की मदद से उपचार किया जा सकता है।

कैसे करें उपचार?
यौगिक उपचार : हमारे दैनिक जीवन में योगाभ्यास के द्वारा हम अपने इम्यून सिस्टम व फेफड़ों को मज़बूत व लचीला बनाकर सकते हैं, जिससे एलर्जी की समस्या से निजात मिल सकता है। श्वसन संबंधी समस्याओं में हम ऐसे आसनों का अभ्यास करते हैं, जिसमे सीना फैलता और संकुचित होता है।

सीने के फैलने व संकुचित होने के कारण हमारे फेफड़ो की मालिश होती हैं, जिससे वे लचीले व मज़बूत बनते हैं। इसके साथ ही फेफड़ों के फैलने के कारण वायुमार्ग को खोलने में मदद करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। श्वसन संबंधित समस्याओं में प्राणायाम व ब्रीथिंग एक्सरसाइज़ विशेष लाभकारी माना जाता है। इनके नियमित अभ्यास से हमारे शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है एवं फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती हैं।

ब्रीथिंग एक्सरसाइज
सुखासन में बैठ जाते हैं, कमर सीधी, गर्दन सीधी, दृष्‍टि ठीक सामने की ओर रखना है। दोनों हाथों को मिलाकर नमस्कार मुद्रा बनाते हैं तथा श्वास भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हैं। श्वास छोड़ते हुए वापस नमस्कार मुद्रा में आ जाते हैं। इसी तरह 10 से 15 बार करते हैं। ध्यान रखना हैं कि श्वास भरते समय सीना अधिक से अधिक फूलना चाहिए, जिससे कि अधिक मात्रा में शुद्ध वायु फेफड़ों के अंदर जाए।

अब दोनों हाथों को सामने की ओर कंधे की सीध में रखते हैं तथा श्वास भरते हुए दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाते हैं व श्वास छोड़ते हुए वापस पूर्व स्थिति में आते हैं इसी तरह 10 -15 बार करना है। इसके बाद दोनों हाथों की नमस्कार मुद्रा बनाते हैं अब दोनों हाथों को श्वास भरते हुए पीछे की ओर ले जाते हैं तथा श्वास छोड़ते हुए वापस नमस्कार मुद्रा में आ जाते हैं। इसी तरह 10 -15 बार करना है।

अस्थमा में किए जाने वाले आसन : शवासन, अर्धहलासन, भुजंगासन, सेतुबंधआसन, मत्सयासन, उष्ट्रासन,  वक्रासन, चक्रासन, ताड़ासन आदि।
प्राणायाम : नाड़ीशोधन प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, सूर्यभेदन प्राणायाम।
(यह जानकारी योग इंस्‍ट्रक्‍टर और थैरेपिस्‍ट प्रियंका पटेल ने दी।)
Edited by navin rangiyal


from सेहत https://ift.tt/aZoEjXm

Post Bottom Ad

Pages