google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 कब, किस समय और किस पात्र में पानी पीने से मिलेगा लाभ? - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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कब, किस समय और किस पात्र में पानी पीने से मिलेगा लाभ?

उत्तम भोजन से महत्वपूर्ण है शुद्ध पानी और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है शुद्ध वायु। आयुर्वेद और भारतीय परंपरा के अनुसार पानी पीने का एक निश्‍चित समय होता है तब पानी पीने का भरपूर लाभ मिलता है। आओ जानते हैं कि पानी या जल पीने का क्या है उचित तरीका और क्या है पीना का उचित समय और किस पात्र में पिएं पानी।

 

पानी पीने का उचित समय | Right time to drink water

 

- ताम्बे के लोटे में रात्रि को रखा पानी प्रात: उषाकाल में पीने से कब्ज दूर होकर पाचन तंत्र में सुधार होता है।

 

- सुबह खाली पेट पानी पीने से मांसपेशियां और नई कोशिकाएं बनती हैं।

 

- स्नान करने के तुरंत बाद पानी पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ मिलता है।

 

- भोजन के 1 घंटे पहले और भोजन के 1 घंटे बाद पानी पीने से लाभ मिलता है।

 

- सोने से पूर्व आधा गिलास पानी पीने से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।

 

- खाली पेट पानी पीने से लाल रक्त कणिकाएं जल्दी बनने लगती हैं। 

 

- खाली पेट पानी पीने से मासिक धर्म, कैंसर, डायरिया, पेशाब संबंधी समस्याएं, टीबी, गठिया, सिरदर्द व किडनी के रोगों में आराम मिलता है।

 

- सुबह ब्रश और शौचादि से पूर्व ताम्बे के लोटे में रात्रि को रखा पानी पीएं, इससे मल खुलकर आता है तथा कब्ज की शिकायत नहीं होती है। 

पानी पीने का उचित तरीका | Proper way to drink water

 

- जल न कम पीएं और न ही अत्यधिक। कहीं का भी जल न पीएं। जल हमेशा छानकर और बैठकर ही पीएं। 

 

- पानी का उचित तरीके से सेवन करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है जिससे वजन कम होता है।

 

- पानी को बैठकर ही पीना चाहिए। खड़े होकर पानी पीने से किडनी और ग्लेन ब्लैडर पर इसका नकारात्मक असर होता है।

 

- पानी को आराम से घुंट-घुंट कर ग्रहण करना चाहिए। इससे आपकी किडनी या ग्लेन ब्लैडर पर एकदम से भार नहीं पड़ता है।

 

- घूंट-घूंट करके पीना चाहिए क्योंकि इससे हमारे मुंह में मौजूद लार भी पेट में जाती है जो पाचन के लिए जरूरी होती है।

 

- जल को चबाकर पीने से यह भोजन को पचाने की शक्ति हासिल कर सकता है। चबाकर पीने का अर्थ है पहले उसे मुंह में लें और चबाते हुए पी जाएं।

 

- खाली पेट घुंट-घुंट पानी पीने से पेट की गंदगी दूर होकर रक्तशुद्ध होता है।

 

- घुंट-घुंट पानी पीने से पेट अच्छी तरह साफ होने पर यह भोजन से पोषक तत्वों को ठीक प्रकार से ग्रहण कर पाता है। 

glass and lota

किस पात्र में पिएं पानी । Drink water in which vessel

 

- जल को पीतल या तांबे के गिलास में ही पीना चाहिए। 

 

- चांदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है। 

 

- पीतल के बर्तन में पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गुरुत्व का बल बढ़ता है। पाचन तंत्र सुधरता है।

 

- तांबे के गिलास में पानी पीने से शरीर के दूषित पदार्थ यूरिन और पसीने से बाहर निकलते हैं। ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है। पेट संबंधी विकार भी दूर होते हैं। तांबा पानी को शुद्ध करने के साथ ही शीतल भी करता है तांबे के गिलास में पानी पीने से त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं। तांबे का पानी लीवर को स्वस्थ रखता है।

 

डिस्क्लेमर : सेहत संबंधी नुस्खे डॉक्टर की सलाह पर ही आजमाए जाने चाहिए।



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