
सर्दी के मौसम शिशु की केयर करना बहुत जरूरी होता है, ठंड में सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों को ही रहता है। छोटे बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है। इसकी वजह से बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार की समस्या जल्दी हो जाती है। तो हम आपको बता रहे है कि 'सर्दियों में शिशु की सेहत का खयाल कैसे रखें।
ठंड का ध्यान रखें-
मौसम के प्रभाव के कारण सर्दी के मौसम में बच्चे के ठंडा पानी पीने, आइसक्रीम खाने, रात में ओढकर न सोने से उसे सर्दी-जुकाम हो जाता है। इसलिए शिशु की देखभाल इस मौसम में काफी ज्यादा होनी चाहिए। यदि उसे कोई समस्या 3-4 दिन से ज्यादा रहे तो लापरवाही न करें तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। शिशु का बिस्तर गर्म रखें, सुलाने से पहले हॉट वाटर बॉटल से बिस्तर गर्म कर लें। हो सके तो बच्चे के आसपास हीटर का प्रयोग न करें। करना भी पड़े तो ऑयल वाले हीटर को प्रयोग में लें।
खानपान का ध्यान रखें-
एक साल तक के बच्चों को मां का दूध पिलाएं अगर जरूरत हो तो डॉक्टरी सलाह से डिब्बे वाला दूध भी दे सकते हैं। बच्चे में यदि बुखार के लक्षण लगे तो उसे पालक, मेथी, बथुआ, टमाटर या हरे धनिए का सूप बनाकर दे सकते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 7-8 महीने के बच्चे को रोजाना आधा बादाम और आधा काजू पीसकर दें व मौसमी फल जरूर खिलाएं।
नहलाने का ध्यान रखें-
सर्दी के मौसम में नवजात को रोज न नहलाएं, दो-तीन दिन छोड़कर नहलाना चाहिए। रोज नहलाने की जगह गुनगुने पानी में टॉवल भिगोकर स्पॉन्जिंग करनी चाहिए। लेकिन यदि बच्चा थोड़ा बड़ा है तो रोज नहलाएं । नहलाने के बाद उसके शरीर की मालिश जरूर करें। थोड़ी देर के लिए धूप में बिठाएं ताकि शिशु को विटामिन-डी मिल सके।
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सर्दी के मौसम में ऐसे करें शिशु की देखभाल, जानें कुछ खास टिप्स

सर्दी के मौसम शिशु की केयर करना बहुत जरूरी होता है, ठंड में सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों को ही रहता है। छोटे बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है। इसकी वजह से बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार की समस्या जल्दी हो जाती है। तो हम आपको बता रहे है कि 'सर्दियों में शिशु की सेहत का खयाल कैसे रखें।
ठंड का ध्यान रखें-
मौसम के प्रभाव के कारण सर्दी के मौसम में बच्चे के ठंडा पानी पीने, आइसक्रीम खाने, रात में ओढकर न सोने से उसे सर्दी-जुकाम हो जाता है। इसलिए शिशु की देखभाल इस मौसम में काफी ज्यादा होनी चाहिए। यदि उसे कोई समस्या 3-4 दिन से ज्यादा रहे तो लापरवाही न करें तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। शिशु का बिस्तर गर्म रखें, सुलाने से पहले हॉट वाटर बॉटल से बिस्तर गर्म कर लें। हो सके तो बच्चे के आसपास हीटर का प्रयोग न करें। करना भी पड़े तो ऑयल वाले हीटर को प्रयोग में लें।
खानपान का ध्यान रखें-
एक साल तक के बच्चों को मां का दूध पिलाएं अगर जरूरत हो तो डॉक्टरी सलाह से डिब्बे वाला दूध भी दे सकते हैं। बच्चे में यदि बुखार के लक्षण लगे तो उसे पालक, मेथी, बथुआ, टमाटर या हरे धनिए का सूप बनाकर दे सकते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 7-8 महीने के बच्चे को रोजाना आधा बादाम और आधा काजू पीसकर दें व मौसमी फल जरूर खिलाएं।
नहलाने का ध्यान रखें-
सर्दी के मौसम में नवजात को रोज न नहलाएं, दो-तीन दिन छोड़कर नहलाना चाहिए। रोज नहलाने की जगह गुनगुने पानी में टॉवल भिगोकर स्पॉन्जिंग करनी चाहिए। लेकिन यदि बच्चा थोड़ा बड़ा है तो रोज नहलाएं । नहलाने के बाद उसके शरीर की मालिश जरूर करें। थोड़ी देर के लिए धूप में बिठाएं ताकि शिशु को विटामिन-डी मिल सके।