आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से थके-थके से रहने लगे हैं? काम में मन नहीं लगता, स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है? तो समझ जाएं आप बर्नआउट सिंड्रोम से ग्रसित हैं। जानें इसके बारे में।
कारण: बहुत ज्यादा उम्मीदें पालना, ऑफिस का काम घर पर लाना,आराम के लिए वक्त नहीं मिल पाना, अकेले जिम्मेदारियों का बोझ ढोना और क्षमता से ज्यादा काम करने की कोशिश करना।
दुष्परिणाम : इससे प्रभावित व्यक्ति जल्दी ही बीपी, थाइरॉयड, अनिद्रा, मोटापा और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का शिकार हो सकता है। अलग-थलग रहना व चिड़चिड़ा व्यवहार आपको रिश्तेदारों से भी दूर करने लगता है।
डॉक्टरी सलाह-
अपने समय का सही मैनेजमेंट करना सीखें। दफ्तर का काम घर पर ना लाएं। परिवार के सदस्यों और बच्चों के साथ वक्त बिताएं व उनके साथ हंसी-मजाक करें। हफ्ते में एक दिन पूरी तरह फ्री रहें और अपनी पसंदीदा चीजें करें। जिम्मेदारियों को दूसरे लोगों के साथ भी बांटें।
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ज्यादा उम्मीदें पालना सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक
आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से थके-थके से रहने लगे हैं? काम में मन नहीं लगता, स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है? तो समझ जाएं आप बर्नआउट सिंड्रोम से ग्रसित हैं। जानें इसके बारे में।
कारण: बहुत ज्यादा उम्मीदें पालना, ऑफिस का काम घर पर लाना,आराम के लिए वक्त नहीं मिल पाना, अकेले जिम्मेदारियों का बोझ ढोना और क्षमता से ज्यादा काम करने की कोशिश करना।
दुष्परिणाम : इससे प्रभावित व्यक्ति जल्दी ही बीपी, थाइरॉयड, अनिद्रा, मोटापा और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का शिकार हो सकता है। अलग-थलग रहना व चिड़चिड़ा व्यवहार आपको रिश्तेदारों से भी दूर करने लगता है।
डॉक्टरी सलाह-
अपने समय का सही मैनेजमेंट करना सीखें। दफ्तर का काम घर पर ना लाएं। परिवार के सदस्यों और बच्चों के साथ वक्त बिताएं व उनके साथ हंसी-मजाक करें। हफ्ते में एक दिन पूरी तरह फ्री रहें और अपनी पसंदीदा चीजें करें। जिम्मेदारियों को दूसरे लोगों के साथ भी बांटें।