शादाब अहमद
नई दिल्ली. राजस्थान में कांग्रेस सरकार को संकट ( rajasthan political crisis ) से निकालने के बाद अब सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल के लिए राहुल फॉर्मूला ( Rahul Gandhi formula ) लागू करने की तैयारी चल रही है। पार्टी ने पिछले एक साल के दौरान करीब 1 लाख 37 हजार कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करवाई है। इनमें वह कार्यकर्ता है, जिन्होंने बूथ पर काम किया है। साथ ही कांग्रेस के शक्ति अभियान से जुड़े हैं। राज्य स्तरीय राजनीतिक नियुक्ति से पहले जिले व ब्लॉक पर इन कार्यकर्ताओं को सत्ता का भागीदार बनाया जाएगा।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि किसी भी राज्य में जब भी कांग्रेस की सरकार बनती है, तब जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे गंभीरता से लिया था। उन्होंने अध्यक्ष रहते हुए निचले स्तर के कार्यकर्ताओं की सत्ता में भागीदारी और सरकार के निर्णयों में शामिल करवाने के लिए फॉर्मूला तैयार किया था। इसकी रिपोर्ट तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे पार्टी को सौंप चुके हैं। अब यह रिपोर्ट तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस रिपोर्ट पर जल्द निर्णय करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि राजस्थान व मध्यप्रदेश में सियासी संकट कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने के आरोपों के चलते पैदा हुआ था।
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-क्या है राहुल फॉर्मूला
जिला व तहसील स्तर पर कार्यकर्ताओं की सबसे अधिक शिकायत पुलिस, चिकित्सा, स्कूल, राशन, राजस्व, खान और वन विभाग से जुड़ी रहती है। राहुल गांधी ने इनसे जुड़ी सरकारी समितियों में बूथ पर काम करने वालों के साथ शक्ति अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं को इनमें नियुक्ति देने के लिए कहा। इसके तहत जल्द ही राजस्थान में इनसे जुड़ी समितियों में कांग्रेस कार्यकर्ता सदस्य बने दिख सकेंगे।
-इससे क्या होगा फायदा
पार्टी का मानना है कि जमीन स्तर पर कार्यकर्ताओं के सत्ता में भागीदारी मिलने से गुटबाजी समाप्त होगी। इसके साथ समितियों की बैठकों के माध्यम से कांग्रेस की मंशा के अनुसार विभागों के निर्णय होंगे। अफसरों की मनमानी पर अंकुश भी लग सकता है।
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-ऐसे हुआ चयन
कांग्रेस ने चुनावों के दौरान प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया था। इससे सभी बूथ कार्यकर्ताओं को ऑन लाइन जोड़ा गया था। ऐसे सभी कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करने में पार्टी को दिक्कत नहीं आई। इसी तरह शक्ति अभियान के कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की गई। हर जिले में एक कमेटी का गठन कर जिला व ब्लॉक स्तर के लिए कार्यकर्ताओं का चयन किया गया।
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सत्ता-संगठन में तालमेल के लिए Rahul Gandhi Formula लागू करने की तैयारी में कांग्रेस
शादाब अहमद
नई दिल्ली. राजस्थान में कांग्रेस सरकार को संकट ( rajasthan political crisis ) से निकालने के बाद अब सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल के लिए राहुल फॉर्मूला ( Rahul Gandhi formula ) लागू करने की तैयारी चल रही है। पार्टी ने पिछले एक साल के दौरान करीब 1 लाख 37 हजार कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करवाई है। इनमें वह कार्यकर्ता है, जिन्होंने बूथ पर काम किया है। साथ ही कांग्रेस के शक्ति अभियान से जुड़े हैं। राज्य स्तरीय राजनीतिक नियुक्ति से पहले जिले व ब्लॉक पर इन कार्यकर्ताओं को सत्ता का भागीदार बनाया जाएगा।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि किसी भी राज्य में जब भी कांग्रेस की सरकार बनती है, तब जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे गंभीरता से लिया था। उन्होंने अध्यक्ष रहते हुए निचले स्तर के कार्यकर्ताओं की सत्ता में भागीदारी और सरकार के निर्णयों में शामिल करवाने के लिए फॉर्मूला तैयार किया था। इसकी रिपोर्ट तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे पार्टी को सौंप चुके हैं। अब यह रिपोर्ट तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस रिपोर्ट पर जल्द निर्णय करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि राजस्थान व मध्यप्रदेश में सियासी संकट कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने के आरोपों के चलते पैदा हुआ था।
Jammu and Kashmir: LoC के पास PAK Army ने की गोलीबारी, सेना का JCO शहीद
-क्या है राहुल फॉर्मूला
जिला व तहसील स्तर पर कार्यकर्ताओं की सबसे अधिक शिकायत पुलिस, चिकित्सा, स्कूल, राशन, राजस्व, खान और वन विभाग से जुड़ी रहती है। राहुल गांधी ने इनसे जुड़ी सरकारी समितियों में बूथ पर काम करने वालों के साथ शक्ति अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं को इनमें नियुक्ति देने के लिए कहा। इसके तहत जल्द ही राजस्थान में इनसे जुड़ी समितियों में कांग्रेस कार्यकर्ता सदस्य बने दिख सकेंगे।
-इससे क्या होगा फायदा
पार्टी का मानना है कि जमीन स्तर पर कार्यकर्ताओं के सत्ता में भागीदारी मिलने से गुटबाजी समाप्त होगी। इसके साथ समितियों की बैठकों के माध्यम से कांग्रेस की मंशा के अनुसार विभागों के निर्णय होंगे। अफसरों की मनमानी पर अंकुश भी लग सकता है।
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-ऐसे हुआ चयन
कांग्रेस ने चुनावों के दौरान प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया था। इससे सभी बूथ कार्यकर्ताओं को ऑन लाइन जोड़ा गया था। ऐसे सभी कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करने में पार्टी को दिक्कत नहीं आई। इसी तरह शक्ति अभियान के कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की गई। हर जिले में एक कमेटी का गठन कर जिला व ब्लॉक स्तर के लिए कार्यकर्ताओं का चयन किया गया।
https://ift.tt/32Ik00z August 30, 2020 at 07:00PM