हेड इंजरी किसे कहते हैं?
सिर या मस्तिष्क में किसी प्रकार की चोट लगने को हेड इंजरी कहते हैं। इसमें छोटी-मोटी खरोंच से लेकर गंभीर चोट शामिल है। सिर की हड्डी फे्रक्चर हो जाना, मस्तिष्क का कोई भाग क्षतिग्रस्त होना, ब्लीडिंग या सूजन आना गंभीर हेड इंजरी है जो जानलेवा साबित हो सकती है।
हेड इंजरी होने पर क्या करें?
मरीज को हिलाए-डुलाएं नहीं, देखें कि उसकी सांसें सामान्य है या नहीं। अगर मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है तो मुंह से सांस दें। मरीज को उल्टी हो रही है तो उसे आराम से एक करवट लिटा दें। ब्लीडिंग हो रही है तो साफ कपड़े से बांधें ताकि ब्लीडिंग रुके। तुरंत पास के किसी अच्छे हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती कराएं।
क्या हैं इसके दुष्प्रभाव?
चोट लगने के कारण ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग हो सकती है। इससे ब्रेन हैमरेज हो सकता है। टिश्यू डैमेज होने से मरीज की याद्दाश्त जा सकती है। नर्वस सिस्टम डैमेज होने पर मरीज लकवाग्रस्त हो सकता है। मरीज की जान भी जा सकती है।
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सिर में चोट लगे तो इन बातों का रखें खास ध्यान
हेड इंजरी किसे कहते हैं?
सिर या मस्तिष्क में किसी प्रकार की चोट लगने को हेड इंजरी कहते हैं। इसमें छोटी-मोटी खरोंच से लेकर गंभीर चोट शामिल है। सिर की हड्डी फे्रक्चर हो जाना, मस्तिष्क का कोई भाग क्षतिग्रस्त होना, ब्लीडिंग या सूजन आना गंभीर हेड इंजरी है जो जानलेवा साबित हो सकती है।
हेड इंजरी होने पर क्या करें?
मरीज को हिलाए-डुलाएं नहीं, देखें कि उसकी सांसें सामान्य है या नहीं। अगर मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है तो मुंह से सांस दें। मरीज को उल्टी हो रही है तो उसे आराम से एक करवट लिटा दें। ब्लीडिंग हो रही है तो साफ कपड़े से बांधें ताकि ब्लीडिंग रुके। तुरंत पास के किसी अच्छे हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती कराएं।
क्या हैं इसके दुष्प्रभाव?
चोट लगने के कारण ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग हो सकती है। इससे ब्रेन हैमरेज हो सकता है। टिश्यू डैमेज होने से मरीज की याद्दाश्त जा सकती है। नर्वस सिस्टम डैमेज होने पर मरीज लकवाग्रस्त हो सकता है। मरीज की जान भी जा सकती है।