google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 यूनानी दवाओं में शहद का प्रयोग - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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यूनानी दवाओं में शहद का प्रयोग

शहद विभिन्न रोगों में उपयोगी है
शरीर में एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करने वाला शहद विभिन्न रोगों में उपयोगी है। यूनानी चिकित्सा पद्धति में इसे 'अस्ल' कहते हैं जो एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, लैक्सेटिव और पाचक गुणों से भरपूर होता है। शुद्ध शहद को उबालकर साफ करते हैं और इसके बाद इसमें विभिन्न रोगों में प्रयोग होने वाले पाउडर व जोशांदा (काढ़ा) को मिलाकर कंपाउंड मेडीसिन तैयार की जाती है। इसके बाद दिमाग, पाचनतंत्र व ग्रंथियों से जुड़ी दिक्कतों में शहद को सुबह खाली पेट माजून खमीरा या भोजन के बाद शरबत जवारिश के रूप में देते हैं।

पोषक तत्त्वों से भरपूर
कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, अमीनो एसिड्स, मिनिरल्स के अलावा विटामिन्स बी-2, 4, 5, 6, 11 व विटामिन-सी से युक्त होता है शहद। इसमें कई एंजाइम्स मौजूद होते हैं जो सभी अंगों की कार्यप्रणाली को सुधारते हैं।
प्रयोग व लाभ
यूनानी औषधियों का शहद के साथ प्रयोग सबसे ज्यादा सांस से जुड़ी परेशानियों में होता है।
शहद को पानी में उबालकर माउल अस्ल (शहद का पानी) बनाते हैं व खांसी, जुकाम, अस्थमा जैसे बलगमी रोगों में 1-10 ग्राम की मात्रा में देते हैं। इससे गले में जमा कफ बाहर निकल जाता है। माउल अस्ल को गैस्ट्रिक अल्सर, पैरालिसिस, बुखार व श्वास तंत्रिका संबंधी समस्याओं में भी इस्तेमाल करते हैं। अत्यधिक थकान व अनिद्रा में 15 एमएल शहद दूध में डालकर पीने या केवल शहद चाटने से लाभ होता है। हाई बीपी में 10 एमएल शहद को 5 एमएल लहसुन के रस के साथ लें। कमजोरी महसूस हो तो 15 एमएल शहद को आधा कप अनार के रस के साथ मिलाकर भोजन से पहले ले सकते हैं। खांसी/जुकाम में तुलसी, शहद व कालीमिर्च की हर्बल-टी बनाकर पीएं। साथ ही एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर ले सकते हैं।
गाजर के रस में 10 एमएल शहद को लेने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
मुंह में बदबू की समस्या में 5 ग्राम दालचीनी को शहद व पानी के साथ मिलाकर माउथवॉश के रूप में प्रयोग करें।
शहद को त्वचा व सिर के बालों की चमक बढ़ाने के लिए फेसवॉश, उबटन आदि के अलावा शैम्पू में भी प्रयोग करते हैं।
डॉ. हिना जफर, यूनानी विशेषज्ञ



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2EgPeAo
यूनानी दवाओं में शहद का प्रयोग

शहद विभिन्न रोगों में उपयोगी है
शरीर में एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करने वाला शहद विभिन्न रोगों में उपयोगी है। यूनानी चिकित्सा पद्धति में इसे 'अस्ल' कहते हैं जो एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, लैक्सेटिव और पाचक गुणों से भरपूर होता है। शुद्ध शहद को उबालकर साफ करते हैं और इसके बाद इसमें विभिन्न रोगों में प्रयोग होने वाले पाउडर व जोशांदा (काढ़ा) को मिलाकर कंपाउंड मेडीसिन तैयार की जाती है। इसके बाद दिमाग, पाचनतंत्र व ग्रंथियों से जुड़ी दिक्कतों में शहद को सुबह खाली पेट माजून खमीरा या भोजन के बाद शरबत जवारिश के रूप में देते हैं।

पोषक तत्त्वों से भरपूर
कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, अमीनो एसिड्स, मिनिरल्स के अलावा विटामिन्स बी-2, 4, 5, 6, 11 व विटामिन-सी से युक्त होता है शहद। इसमें कई एंजाइम्स मौजूद होते हैं जो सभी अंगों की कार्यप्रणाली को सुधारते हैं।
प्रयोग व लाभ
यूनानी औषधियों का शहद के साथ प्रयोग सबसे ज्यादा सांस से जुड़ी परेशानियों में होता है।
शहद को पानी में उबालकर माउल अस्ल (शहद का पानी) बनाते हैं व खांसी, जुकाम, अस्थमा जैसे बलगमी रोगों में 1-10 ग्राम की मात्रा में देते हैं। इससे गले में जमा कफ बाहर निकल जाता है। माउल अस्ल को गैस्ट्रिक अल्सर, पैरालिसिस, बुखार व श्वास तंत्रिका संबंधी समस्याओं में भी इस्तेमाल करते हैं। अत्यधिक थकान व अनिद्रा में 15 एमएल शहद दूध में डालकर पीने या केवल शहद चाटने से लाभ होता है। हाई बीपी में 10 एमएल शहद को 5 एमएल लहसुन के रस के साथ लें। कमजोरी महसूस हो तो 15 एमएल शहद को आधा कप अनार के रस के साथ मिलाकर भोजन से पहले ले सकते हैं। खांसी/जुकाम में तुलसी, शहद व कालीमिर्च की हर्बल-टी बनाकर पीएं। साथ ही एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर ले सकते हैं।
गाजर के रस में 10 एमएल शहद को लेने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
मुंह में बदबू की समस्या में 5 ग्राम दालचीनी को शहद व पानी के साथ मिलाकर माउथवॉश के रूप में प्रयोग करें।
शहद को त्वचा व सिर के बालों की चमक बढ़ाने के लिए फेसवॉश, उबटन आदि के अलावा शैम्पू में भी प्रयोग करते हैं।
डॉ. हिना जफर, यूनानी विशेषज्ञ

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