google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 जानिए क्यों कराया जाता है लिपिड प्रोफाइल टैस्ट - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

नए नुस्खे

Home Top Ad

Post Top Ad

जानिए क्यों कराया जाता है लिपिड प्रोफाइल टैस्ट

आमतौर पर 35-45 साल की उम्र के बाद व्यक्ति को थकान महसूस होने, वजन बढ़ने की शिकायत होने और हार्ट प्रॉब्लम व डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर लिपिड प्रोफाइल टैस्ट कराने की सलाह देते हैं। लिपिड, वसायुक्त पदार्थ होता है जो कोलेस्ट्रॉल के रूप में शरीर में मौजूद होता है। रक्त में इसकी मात्रा सामान्य से अधिक होने पर यह धमनियों में जमकर ब्लॉकेज पैदा करता है। जिससे रक्तसंचार प्रभावित होता है।

लिपिड प्रोफाइल टैस्ट के तहत पांच तरह के टैस्ट किए जाते हैं। जिसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल), लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल), वैरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (वीएलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड की जांच होती है। सभी टैस्ट के लिए सिर्फ एक ब्लड सैंपल ही काफी है। इसके बेहतर परिणाम के लिए टैस्ट से 12 घंटे पहले मरीज का खाली पेट होना जरूरी होता है।

1. टोटल कोलेस्ट्रॉल टैस्ट (टीसीटी) : सामान्य स्तर 160-250 मिग्रा/डेसीलीटर होना चाहिए। मात्रा अधिक होने पर शरीर के सभी अंगों में रक्तसंचार प्रभावित होने पर हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

2. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल : शरीर में इसका सामान्य स्तर 40-60 मिग्रा/डेसीली. होना चाहिए। सामान्य से अधिक होना अच्छा माना जाता है। कम होने पर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। वॉक करने से यह बढ़ता है।

3. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल : सामान्य स्तर 100 मिग्रा/डेसीली. से कम होना चाहिए। अधिक होने पर थ्रॉम्बोसिस (धमनियों में खून का जमना) की दिक्कत होती है।

4. वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल : 30 मिग्रा/डेसीली. से कम स्तर होना चाहिए। यह कोलेस्ट्रॉल को जमाता है।

5. ट्राइग्लिसराइड टैस्ट (टीटी): सामान्य स्तर 150 मिग्रा/डेसीली. से कम होना चाहिए। अधिक होने पर हृदय रोगों की आशंका रहती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2HIfh4u
जानिए क्यों कराया जाता है लिपिड प्रोफाइल टैस्ट

आमतौर पर 35-45 साल की उम्र के बाद व्यक्ति को थकान महसूस होने, वजन बढ़ने की शिकायत होने और हार्ट प्रॉब्लम व डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर लिपिड प्रोफाइल टैस्ट कराने की सलाह देते हैं। लिपिड, वसायुक्त पदार्थ होता है जो कोलेस्ट्रॉल के रूप में शरीर में मौजूद होता है। रक्त में इसकी मात्रा सामान्य से अधिक होने पर यह धमनियों में जमकर ब्लॉकेज पैदा करता है। जिससे रक्तसंचार प्रभावित होता है।

लिपिड प्रोफाइल टैस्ट के तहत पांच तरह के टैस्ट किए जाते हैं। जिसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल), लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल), वैरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (वीएलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड की जांच होती है। सभी टैस्ट के लिए सिर्फ एक ब्लड सैंपल ही काफी है। इसके बेहतर परिणाम के लिए टैस्ट से 12 घंटे पहले मरीज का खाली पेट होना जरूरी होता है।

1. टोटल कोलेस्ट्रॉल टैस्ट (टीसीटी) : सामान्य स्तर 160-250 मिग्रा/डेसीलीटर होना चाहिए। मात्रा अधिक होने पर शरीर के सभी अंगों में रक्तसंचार प्रभावित होने पर हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

2. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल : शरीर में इसका सामान्य स्तर 40-60 मिग्रा/डेसीली. होना चाहिए। सामान्य से अधिक होना अच्छा माना जाता है। कम होने पर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। वॉक करने से यह बढ़ता है।

3. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल : सामान्य स्तर 100 मिग्रा/डेसीली. से कम होना चाहिए। अधिक होने पर थ्रॉम्बोसिस (धमनियों में खून का जमना) की दिक्कत होती है।

4. वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल : 30 मिग्रा/डेसीली. से कम स्तर होना चाहिए। यह कोलेस्ट्रॉल को जमाता है।

5. ट्राइग्लिसराइड टैस्ट (टीटी): सामान्य स्तर 150 मिग्रा/डेसीली. से कम होना चाहिए। अधिक होने पर हृदय रोगों की आशंका रहती है।

http://bit.ly/2VUD4YQ Patrika : India's Leading Hindi News Portal

Post Bottom Ad

Pages