हानिकारक केमिकल होने की बात सामने आई है
सुबह के नाश्ते से लेकर शाम के स्नैक्स तक में इस्तेमाल होने वाली ब्रेड में हानिकारक केमिकल होने की बात सामने आई है। हाल ही सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरमेंट की जांच में ब्रेड में कैंसर फैलाने वाले केमिकल पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट होने की पुष्टि हुई है। भारत में बेकरी उत्पादों में इन पर रोक न लगी होने के कारण खूब इस्तेमाल हो रहा है। इन पर अब रोक लगाने की बात कही जा रही है। बे्रड शरीर में न्यूट्रीशन की पूर्ति नहीं करती है। इसे रोजाना नाश्ते का हिस्सा बनाना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।
4 सवाल क्या ब्रेड से दूरी बनाना जरूरी है?
1 ब्रेड और रोटी (चपाती) दोनों गेंहू से बनती हैं तो फिर ब्रेड से नुकसान क्यों?
जवाब : ब्रेड को लंबे समय तक मुलायम, सफेद और फुलाने के लिए इन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, येे दिक्कत पैदा करते हैं। जबकि रोटी केमिकलरहित होती है इसलिए ब्रेड के मुकाबले यह स्वास्थ्यवर्धक होती है।
2 क्या ब्राउन ब्रेड और मल्टीग्रेन भी सेहत के लिए फायदेमंद हैं?
जवाब : सफेद ब्रेड को ज्यादा सफेद और मुलायम बनाने के लिए अधिक केमिकल का इस्तेमाल होता है। जबकि ब्राउन ब्रेड और मल्टीग्रेन में इनकी मात्रा कम होती है। इसकी जांच में भी पुष्टि हुई है।
3 प्रतिदिन ब्रेड की कितनी मात्रा लेनी चाहिए?
जवाब : इसे रोजाना न लें। यह आंतों के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकती है। हफ्ते में इसकी 2 पीस से ज्यादा न लें। इसमें मौजूद नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स वजन बढ़ाने का काम करते हैं।
4 ब्रेड में मौजूद पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट कैसे नुकसान
पहुंचाते हैं?
जवाब : पोटैशियम ब्रोमेट : यह जीनोटॉक्सिक कारसिनोजेन (ऐसा पदार्थ हैं जो कैंसर का कारण बनता है) की तरह काम करता है। यह आसानी से पचता नहीं है। लगातार बॉडी में इसकी मात्रा बढऩे से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। यह कैंसर कोशिकाएं बनने का खतरा बढ़ाने के साथ पेट के कैंसर, किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। ऐसे में व्यक्ति को शुरुआत में उल्टी आना, डायरिया जैसे लक्षण सामने आते हैं।
पोटैशियम आयोडेट : यह शरीर में रेडियोएक्टिव आयोडीन की तरह काम करता है और आयोडीन की मात्रा बढ़ाता है। यह एनर्जी का स्तर भी घटाता है। इसके लंबे इस्तेमाल से थायरॉइड कैंसर भी हो सकता है।
इसलिए ब्रेड से बेहतर है चपाती (रोटी)
1. ब्रेड में सोडियम रोटी की तुलना में कई गुना अधिक होता है जो स्वास्थ्य
के लिए हानिकारक है।
2. ब्रेड का ग्लाइसीमिक इंडेक्स ज्यादा है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है और डायबिटीक पेशेंट्स के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है।
3. ब्रेड में शुगर और फाइटिक एसिड जैसे एंटीन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो कैल्शियम, आयरन व जिंक तत्त्वों के अवशोषण में बाधा पैदा करते हैं। साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन का शरीर उपयोग नहीं कर पाता है।
सब्जियों और फलों को शामिल करें
ब्रेड, बर्गर या पाव से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि ये हैल्दी नहीं होते हैं। अगर ले भी रहे हैं तो ब्राउन ब्रेड लें। ब्राउन बे्रड में फिलिंग के लिए कटी हुई पत्ता गोभी, टमाटर, खीरा, ककड़ी व सेब प्रयोग कर सकते हैं। ये जरूरी पोषक तत्त्वों की पूर्ति करेंगे।
ये हैं विकल्प
ब्रेड की जगह पर पोहा, दलिया, फल, उपमा, इडली, स्प्राउट्स और साबुत अनाज ले सकते हैं। प्रोटीन के लिए अंडा, दूध व अंकुरित दालें और फाइबर के लिए फल, सब्जियां, सलाद लें।
नाश्ता है जरूरी
सुबह के नाश्ते में पूरे दिन की ऊर्जा का 20-25 फीसदी हिस्सा होना चाहिए। हैल्दी ब्रेककफास्ट मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज, बीपी से बचाने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर में ब्लड ग्लूकोज और एनर्जी लेवल को मेंटेन रखने के लिए उठने के 2 घंटे के अंदर नाश्ता कर लें।
डॉ. नितिशा शर्मा, डाइटीशियन
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2I31YM9
ब्रेड का बेहतर विकल्प है रोटी
हानिकारक केमिकल होने की बात सामने आई है
सुबह के नाश्ते से लेकर शाम के स्नैक्स तक में इस्तेमाल होने वाली ब्रेड में हानिकारक केमिकल होने की बात सामने आई है। हाल ही सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरमेंट की जांच में ब्रेड में कैंसर फैलाने वाले केमिकल पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट होने की पुष्टि हुई है। भारत में बेकरी उत्पादों में इन पर रोक न लगी होने के कारण खूब इस्तेमाल हो रहा है। इन पर अब रोक लगाने की बात कही जा रही है। बे्रड शरीर में न्यूट्रीशन की पूर्ति नहीं करती है। इसे रोजाना नाश्ते का हिस्सा बनाना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।
4 सवाल क्या ब्रेड से दूरी बनाना जरूरी है?
1 ब्रेड और रोटी (चपाती) दोनों गेंहू से बनती हैं तो फिर ब्रेड से नुकसान क्यों?
जवाब : ब्रेड को लंबे समय तक मुलायम, सफेद और फुलाने के लिए इन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, येे दिक्कत पैदा करते हैं। जबकि रोटी केमिकलरहित होती है इसलिए ब्रेड के मुकाबले यह स्वास्थ्यवर्धक होती है।
2 क्या ब्राउन ब्रेड और मल्टीग्रेन भी सेहत के लिए फायदेमंद हैं?
जवाब : सफेद ब्रेड को ज्यादा सफेद और मुलायम बनाने के लिए अधिक केमिकल का इस्तेमाल होता है। जबकि ब्राउन ब्रेड और मल्टीग्रेन में इनकी मात्रा कम होती है। इसकी जांच में भी पुष्टि हुई है।
3 प्रतिदिन ब्रेड की कितनी मात्रा लेनी चाहिए?
जवाब : इसे रोजाना न लें। यह आंतों के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकती है। हफ्ते में इसकी 2 पीस से ज्यादा न लें। इसमें मौजूद नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स वजन बढ़ाने का काम करते हैं।
4 ब्रेड में मौजूद पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट कैसे नुकसान
पहुंचाते हैं?
जवाब : पोटैशियम ब्रोमेट : यह जीनोटॉक्सिक कारसिनोजेन (ऐसा पदार्थ हैं जो कैंसर का कारण बनता है) की तरह काम करता है। यह आसानी से पचता नहीं है। लगातार बॉडी में इसकी मात्रा बढऩे से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। यह कैंसर कोशिकाएं बनने का खतरा बढ़ाने के साथ पेट के कैंसर, किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। ऐसे में व्यक्ति को शुरुआत में उल्टी आना, डायरिया जैसे लक्षण सामने आते हैं।
पोटैशियम आयोडेट : यह शरीर में रेडियोएक्टिव आयोडीन की तरह काम करता है और आयोडीन की मात्रा बढ़ाता है। यह एनर्जी का स्तर भी घटाता है। इसके लंबे इस्तेमाल से थायरॉइड कैंसर भी हो सकता है।
इसलिए ब्रेड से बेहतर है चपाती (रोटी)
1. ब्रेड में सोडियम रोटी की तुलना में कई गुना अधिक होता है जो स्वास्थ्य
के लिए हानिकारक है।
2. ब्रेड का ग्लाइसीमिक इंडेक्स ज्यादा है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है और डायबिटीक पेशेंट्स के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है।
3. ब्रेड में शुगर और फाइटिक एसिड जैसे एंटीन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो कैल्शियम, आयरन व जिंक तत्त्वों के अवशोषण में बाधा पैदा करते हैं। साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन का शरीर उपयोग नहीं कर पाता है।
सब्जियों और फलों को शामिल करें
ब्रेड, बर्गर या पाव से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि ये हैल्दी नहीं होते हैं। अगर ले भी रहे हैं तो ब्राउन ब्रेड लें। ब्राउन बे्रड में फिलिंग के लिए कटी हुई पत्ता गोभी, टमाटर, खीरा, ककड़ी व सेब प्रयोग कर सकते हैं। ये जरूरी पोषक तत्त्वों की पूर्ति करेंगे।
ये हैं विकल्प
ब्रेड की जगह पर पोहा, दलिया, फल, उपमा, इडली, स्प्राउट्स और साबुत अनाज ले सकते हैं। प्रोटीन के लिए अंडा, दूध व अंकुरित दालें और फाइबर के लिए फल, सब्जियां, सलाद लें।
नाश्ता है जरूरी
सुबह के नाश्ते में पूरे दिन की ऊर्जा का 20-25 फीसदी हिस्सा होना चाहिए। हैल्दी ब्रेककफास्ट मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज, बीपी से बचाने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर में ब्लड ग्लूकोज और एनर्जी लेवल को मेंटेन रखने के लिए उठने के 2 घंटे के अंदर नाश्ता कर लें।
डॉ. नितिशा शर्मा, डाइटीशियन