क्या धूम्रपान से भी हड्डियों की बीमारी हो सकती है?
हां, धूम्रपान से मस्क्युलोस्केलटन यानी हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। धूम्रपान फेफड़ों को खराब करने के साथ जोड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। सिगरेट का धुआं मांसपेशियों और हड्डियों की मस्क्युलोस्केलटन प्रणाली को व्यापक रूप से प्रभावित करता है।
धूम्रपान हड्डियों और रीढ़ को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
धूम्रपान करने वालों में हड्डियों एवं मांसपेशी (मस्क्युलोस्केलटन) संबंधी बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। इसका कारण ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डियों की मोटाई में कमी, कमर के निचले हिस्से में दर्द और स्लिप्डडिस्क की समस्याएं अधिक होती हंै।
धूम्रपान से महिलाओं की हड्डियों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है?
धूम्रपान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के इस्तेमाल की प्रक्रिया को प्रभावित कर अस्थि रोगों को बढ़ाता है। यह हार्मोन ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में मदद करता है और शरीर की सभी कोशिकाओं के एस्ट्रोजन रिसेप्टर को कम करता है। ऐसे में एस्ट्रोजन का ऊतकों पर असर नहीं हो पाता है। धूम्रपान के कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इस कारण महिलाओं की रीढ़ में फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान से जल्दी मेनोपॉज भी हो सकता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा धूम्रपान करने वाली महिलाओं में स्लिप्डडिस्क के कमजोर होने की आशंका रहती है। स्पाइन कमजोर होने से स्लिप्डडिस्क की समस्या हो सकती है।
स्लिप्डडिस्क से कैसे बचा जा सकता है?
उठने-बैठने के ढंग में परिवर्तन करें। बैठते वक्त कमर सीधी रखें। कमर झुकाकर या कूबड़ निकालकर न बैठें और न ही चलें। यदि बैठे-बैठे ही अलमारी की रैक से कुछ उठाना है तो आगे की ओर झुककर ही वस्तु उठाएं। अपनी क्षमता से अधिक वजन न उठाएं। नरम या गुदगुदे बिस्तर पर सोने की बजाए सपाट पलंग या तख्त पर सोएं ताकि पीठ की मांसपेशियों को पूर्ण विश्राम मिले। वजन नियंत्रित रखें।
डॉ. अरविंद कुलकर्णी, स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्करिप्लेसमेंट विशेषज्ञ
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2Mp9NBo
एक्सपर्ट इंटरव्यू: हड्डियों को कमजोर करता है धूम्रपान
क्या धूम्रपान से भी हड्डियों की बीमारी हो सकती है?
हां, धूम्रपान से मस्क्युलोस्केलटन यानी हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। धूम्रपान फेफड़ों को खराब करने के साथ जोड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। सिगरेट का धुआं मांसपेशियों और हड्डियों की मस्क्युलोस्केलटन प्रणाली को व्यापक रूप से प्रभावित करता है।
धूम्रपान हड्डियों और रीढ़ को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
धूम्रपान करने वालों में हड्डियों एवं मांसपेशी (मस्क्युलोस्केलटन) संबंधी बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। इसका कारण ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डियों की मोटाई में कमी, कमर के निचले हिस्से में दर्द और स्लिप्डडिस्क की समस्याएं अधिक होती हंै।
धूम्रपान से महिलाओं की हड्डियों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है?
धूम्रपान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के इस्तेमाल की प्रक्रिया को प्रभावित कर अस्थि रोगों को बढ़ाता है। यह हार्मोन ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में मदद करता है और शरीर की सभी कोशिकाओं के एस्ट्रोजन रिसेप्टर को कम करता है। ऐसे में एस्ट्रोजन का ऊतकों पर असर नहीं हो पाता है। धूम्रपान के कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इस कारण महिलाओं की रीढ़ में फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान से जल्दी मेनोपॉज भी हो सकता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा धूम्रपान करने वाली महिलाओं में स्लिप्डडिस्क के कमजोर होने की आशंका रहती है। स्पाइन कमजोर होने से स्लिप्डडिस्क की समस्या हो सकती है।
स्लिप्डडिस्क से कैसे बचा जा सकता है?
उठने-बैठने के ढंग में परिवर्तन करें। बैठते वक्त कमर सीधी रखें। कमर झुकाकर या कूबड़ निकालकर न बैठें और न ही चलें। यदि बैठे-बैठे ही अलमारी की रैक से कुछ उठाना है तो आगे की ओर झुककर ही वस्तु उठाएं। अपनी क्षमता से अधिक वजन न उठाएं। नरम या गुदगुदे बिस्तर पर सोने की बजाए सपाट पलंग या तख्त पर सोएं ताकि पीठ की मांसपेशियों को पूर्ण विश्राम मिले। वजन नियंत्रित रखें।
डॉ. अरविंद कुलकर्णी, स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्करिप्लेसमेंट विशेषज्ञ
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