अतिरिक्त प्रयोग करने से गंभीर परिणाम
नमक शरीर के लिए जरूरी सोडियम और क्लोराइड का सबसे सामान्य और महत्त्वपूर्ण साधन है। एक तरफ जहां नमक से खाने में स्वाद बढ़ता है। वहीं दूसरी ओर नमक का अतिरिक्त प्रयोग करने से हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्परिणाम भी दिखाई देते हैं, इसमें उच्च रक्तचाप के अलावा और हड्डियों की कमजोरी व पेट के कैंसर शामिल हैं।
ज्यादा नमक से हार्ट अटैक का खतरा दोगुना
भारत इन्हीं देशों में से एक है, जहां पर नमक का खाने में उपयोग ज्यादा हो रहा है। यह स्थिति दोहरी चिंता का विषय है क्योंकि भारत में टाइप-2 के मधुमेह रोगी हैं जो अपने खाने में ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं और उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा दोगुना होता है।
अन्य देश खतरे के प्रति गंभीर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ 1970 से नमक के कम उपयोग पर जोर देते आ रहे हैं, लेकिन इस दिशा में खास तरक्की नहीं हुई है। खतरे की घंटी बजने के कारण इन दिनों कई देश इसे सख्ती से लागू करने पर विचार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने 2013 में कानून पास कर ब्रेड और दूसरे प्रसंस्कृति खाद्यान्नों के लिए नमक की अधिकतम मात्रा तय कर दी है। सरकार ने इसे 2020 तक प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
नहीं लें पांच ग्राम से ज्यादा नमक
भारत जैसे देश में जहां हमारी संस्कृति अचार, पापड़ जैसे तैलीय खाद्य पदार्थों पर ज्यादा टिकी है। ऐसे में हमें खाद्यपदार्थों के प्रति ज्यादा सख्त और सावधान होना पड़ेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हर चार में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप से पीडि़त है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि यह समस्या भारत में कितनी विकराल है। आदर्श रूप से एक वयस्क को रोजाना पांच ग्राम से ज्यादा नमक प्रति दिन नहीं खाना चाहिए। यह एक चम्मच से भी कम होता है। फिर भी बहुत सारे देशों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 9 से 12 ग्राम नमक की खपत हो जाती है। नमक की सारी मात्रा हमें हमारे खाद्य पदार्थों से ही मिलती है। एक अनुमान के मुताबिक, शरीर में जो नमक पहुंचता है उसका 75 फीसदी हिस्सा प्रसंस्कृति खाद्यों जैसे कि ब्रेड, ब्रेकफास्ट तथा दूसरे मांसाहार से मिलता है।
डॉ. रमाकान्त पांडा, कार्डियक सर्जन
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2J0NBe7
एक्सट्रा नमक बढ़ाता है दिल पर दोगुना खतरा
अतिरिक्त प्रयोग करने से गंभीर परिणाम
नमक शरीर के लिए जरूरी सोडियम और क्लोराइड का सबसे सामान्य और महत्त्वपूर्ण साधन है। एक तरफ जहां नमक से खाने में स्वाद बढ़ता है। वहीं दूसरी ओर नमक का अतिरिक्त प्रयोग करने से हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्परिणाम भी दिखाई देते हैं, इसमें उच्च रक्तचाप के अलावा और हड्डियों की कमजोरी व पेट के कैंसर शामिल हैं।
ज्यादा नमक से हार्ट अटैक का खतरा दोगुना
भारत इन्हीं देशों में से एक है, जहां पर नमक का खाने में उपयोग ज्यादा हो रहा है। यह स्थिति दोहरी चिंता का विषय है क्योंकि भारत में टाइप-2 के मधुमेह रोगी हैं जो अपने खाने में ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं और उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा दोगुना होता है।
अन्य देश खतरे के प्रति गंभीर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ 1970 से नमक के कम उपयोग पर जोर देते आ रहे हैं, लेकिन इस दिशा में खास तरक्की नहीं हुई है। खतरे की घंटी बजने के कारण इन दिनों कई देश इसे सख्ती से लागू करने पर विचार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने 2013 में कानून पास कर ब्रेड और दूसरे प्रसंस्कृति खाद्यान्नों के लिए नमक की अधिकतम मात्रा तय कर दी है। सरकार ने इसे 2020 तक प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
नहीं लें पांच ग्राम से ज्यादा नमक
भारत जैसे देश में जहां हमारी संस्कृति अचार, पापड़ जैसे तैलीय खाद्य पदार्थों पर ज्यादा टिकी है। ऐसे में हमें खाद्यपदार्थों के प्रति ज्यादा सख्त और सावधान होना पड़ेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हर चार में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप से पीडि़त है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि यह समस्या भारत में कितनी विकराल है। आदर्श रूप से एक वयस्क को रोजाना पांच ग्राम से ज्यादा नमक प्रति दिन नहीं खाना चाहिए। यह एक चम्मच से भी कम होता है। फिर भी बहुत सारे देशों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 9 से 12 ग्राम नमक की खपत हो जाती है। नमक की सारी मात्रा हमें हमारे खाद्य पदार्थों से ही मिलती है। एक अनुमान के मुताबिक, शरीर में जो नमक पहुंचता है उसका 75 फीसदी हिस्सा प्रसंस्कृति खाद्यों जैसे कि ब्रेड, ब्रेकफास्ट तथा दूसरे मांसाहार से मिलता है।
डॉ. रमाकान्त पांडा, कार्डियक सर्जन
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