सभी ऊत्तक और कोशिकाओं को शीशे की तरह देखना संभव होगा
कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें शरीर के सभी ऊत्तक और कोशिकाओं की गतिविधियों को शीशे की तरह स्पष्ट देखना संभव होगा। यह अब तक प्रचलित स्कैनिंग तकनीक से ज्यादा कारगर होगी। चूहे और गिलहरी पर इसका प्रयोग किया जा चुका है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसका प्रयोग मानव शरीर में विषाणुओं के प्रसार और कैंसर का पता लगाने में कारगर साबित होगा।
अंगों की पहचान
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में अब तक किए शोध के आधार पर एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें रक्त प्रवाह के जरिए शरीर में एक ऐसा तरल पदार्थ डाला जाता है, जो वहां मौजूद वसा को घोलते हुए उसे पारदर्शी बनाता जाता है। अब इस तकनीक के जरिए शरीर के उन अंगों की पहचान और उनके काम की विस्तृत जानकारी जुटाई जा सकती है, जिसके बारे में अब तक जानना मुश्किल था। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह तकनीक अधिक प्रभावी और बेहतर परिणाम देने वाली साबित होगी।
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स्कैनिंग से ज्यादा कारगर है ये तकनीक
सभी ऊत्तक और कोशिकाओं को शीशे की तरह देखना संभव होगा
कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें शरीर के सभी ऊत्तक और कोशिकाओं की गतिविधियों को शीशे की तरह स्पष्ट देखना संभव होगा। यह अब तक प्रचलित स्कैनिंग तकनीक से ज्यादा कारगर होगी। चूहे और गिलहरी पर इसका प्रयोग किया जा चुका है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसका प्रयोग मानव शरीर में विषाणुओं के प्रसार और कैंसर का पता लगाने में कारगर साबित होगा।
अंगों की पहचान
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में अब तक किए शोध के आधार पर एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें रक्त प्रवाह के जरिए शरीर में एक ऐसा तरल पदार्थ डाला जाता है, जो वहां मौजूद वसा को घोलते हुए उसे पारदर्शी बनाता जाता है। अब इस तकनीक के जरिए शरीर के उन अंगों की पहचान और उनके काम की विस्तृत जानकारी जुटाई जा सकती है, जिसके बारे में अब तक जानना मुश्किल था। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह तकनीक अधिक प्रभावी और बेहतर परिणाम देने वाली साबित होगी।