google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 गर्भस्थ शिशु पर भारी पड़ती हैं मां की ये बुरी आदतें - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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गर्भस्थ शिशु पर भारी पड़ती हैं मां की ये बुरी आदतें

अगर मां प्रेग्नेंसी के दौरान भी शराब, चाय और कोल्डड्रिंक लेती हैं तो बच्चे में ऑक्सीजन की कमी, हार्ट रेट का बढ़ना, कम वजन के साथ प्रीमैच्योर डिलीवरी, फेफड़ों की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी के अलावा गर्भपात की आशंका भी बढ़ जाती है।

कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक प्रेग्नेंसी में शराब पीना शिशु में फीटल अल्कोहोल स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर (एफएएसडी) के खतरे को बढ़ाता है। इसको आधार मानकर किए गए 127 शोधों के मुताबिक यह दिक्कत बच्चों में मानसिक व देखने-सुनने की क्षमता, रक्तप्रवाह, पाचन संबंधी गड़बड़ी, श्वसन प्रक्रिया में बाधा, मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े लगभग 428 रोगों के खतरे को बढ़ाती है। जानते हैं मां की कौनसी आदतें बच्चे पर बुरा असर डालती हैं।

अधिक चाय-कॉफी -
इन्हें अधिक मात्रा में पीने से कई बार आंवलनाल कमजोर हो जाती है।
असर : इनमें मौजूद कैफीन प्लेसेंटा के जरिए बच्चे के शरीर में पहुंचकर उसके मेटाबॉलिज्म व हार्ट रेट को बढ़ा देते हैं। कई बार इनसे श्वसन तंत्र भी कमजोर हो सकता है।

 

कोल्डड्रिंक्स -
कोल्डड्रिंक्स, भूख को मारती हैं। इन्हें नियमित पीने से अपच की परेशानी होती है।
असर : इसे अधिक पीने से मोटापा, डायबिटीज, दांत संंबंधी समस्याएं और पोषक तत्त्वों की कमी होने लगती है जो मां व बच्चे के शारीरिक विकास पर असर डालती है।

चॉक-चूना खाने की आदत -
कैल्शियम की कमी से कई बार गर्भवती महिला का मिट्टी, चॉक, चूना आदि खाने का मन करता है। धीरे-धीरे स्थिति आदत में बदल जाती है और शरीर आयरन, विटामिन व मिनरल्स को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता।
असर : गर्भस्थ शिशु को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता और वह कमजोर पैदा होता है। मां के पेट में कीड़ों की समस्या बच्चे में टायफॉइड, पीलिया का कारण बनती है।

उपाय :

देसी डाइट करें फॉलो -
नाश्ता: दलिया, राबड़ी, रोटी-सब्जी, हलवा, पोहा, ढोकला, छाछ, दही, आमरस, शिकंजी, दाल का पानी, सत्तू या सूप लें।
लंच-डिनर: दही/छाछ, दाल, सब्जी, मक्का/बाजरा/मिस्सी रोटी, अचार, हरा धनिया, पुदीना या इमली की चटनी, गुड़ लें।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2JSSQMv
गर्भस्थ शिशु पर भारी पड़ती हैं मां की ये बुरी आदतें

अगर मां प्रेग्नेंसी के दौरान भी शराब, चाय और कोल्डड्रिंक लेती हैं तो बच्चे में ऑक्सीजन की कमी, हार्ट रेट का बढ़ना, कम वजन के साथ प्रीमैच्योर डिलीवरी, फेफड़ों की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी के अलावा गर्भपात की आशंका भी बढ़ जाती है।

कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक प्रेग्नेंसी में शराब पीना शिशु में फीटल अल्कोहोल स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर (एफएएसडी) के खतरे को बढ़ाता है। इसको आधार मानकर किए गए 127 शोधों के मुताबिक यह दिक्कत बच्चों में मानसिक व देखने-सुनने की क्षमता, रक्तप्रवाह, पाचन संबंधी गड़बड़ी, श्वसन प्रक्रिया में बाधा, मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े लगभग 428 रोगों के खतरे को बढ़ाती है। जानते हैं मां की कौनसी आदतें बच्चे पर बुरा असर डालती हैं।

अधिक चाय-कॉफी -
इन्हें अधिक मात्रा में पीने से कई बार आंवलनाल कमजोर हो जाती है।
असर : इनमें मौजूद कैफीन प्लेसेंटा के जरिए बच्चे के शरीर में पहुंचकर उसके मेटाबॉलिज्म व हार्ट रेट को बढ़ा देते हैं। कई बार इनसे श्वसन तंत्र भी कमजोर हो सकता है।

 

कोल्डड्रिंक्स -
कोल्डड्रिंक्स, भूख को मारती हैं। इन्हें नियमित पीने से अपच की परेशानी होती है।
असर : इसे अधिक पीने से मोटापा, डायबिटीज, दांत संंबंधी समस्याएं और पोषक तत्त्वों की कमी होने लगती है जो मां व बच्चे के शारीरिक विकास पर असर डालती है।

चॉक-चूना खाने की आदत -
कैल्शियम की कमी से कई बार गर्भवती महिला का मिट्टी, चॉक, चूना आदि खाने का मन करता है। धीरे-धीरे स्थिति आदत में बदल जाती है और शरीर आयरन, विटामिन व मिनरल्स को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता।
असर : गर्भस्थ शिशु को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता और वह कमजोर पैदा होता है। मां के पेट में कीड़ों की समस्या बच्चे में टायफॉइड, पीलिया का कारण बनती है।

उपाय :

देसी डाइट करें फॉलो -
नाश्ता: दलिया, राबड़ी, रोटी-सब्जी, हलवा, पोहा, ढोकला, छाछ, दही, आमरस, शिकंजी, दाल का पानी, सत्तू या सूप लें।
लंच-डिनर: दही/छाछ, दाल, सब्जी, मक्का/बाजरा/मिस्सी रोटी, अचार, हरा धनिया, पुदीना या इमली की चटनी, गुड़ लें।

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