google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 प्रेगनेंसी प्लानिंग के 3 माह पहले से एेसे करें स्वस्थ बच्चे की तैयारी - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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प्रेगनेंसी प्लानिंग के 3 माह पहले से एेसे करें स्वस्थ बच्चे की तैयारी

हर मां चाहती की उसका बच्चा स्वस्थ और मानसिक तौर पर फिट हो। इसके लिए महिलाएं कई तरह के ट्रीटमेंट व दवाएं आदि लेती हैं। अगर आप भी एक स्वस्थ बच्चा चाहती हैं तो इसके लिए कंसीव करने से पहले रजस्वला चर्या करानी चाहिए। आइये जानते हैं इसके बारे में।

गर्भावस्था से पहले सत्तू, घी व शहद का प्रयोग -
गर्भावस्था से पहले महिला का मानसिक व शारीरिक रूप से स्वास्थ्य जरूरी है। गर्भावस्था के लिए 20 से 30 की उम्र उचित है। गर्भावस्था से पहले पीरियड्स के सात दिन तक जौ का सात चम्मच सत्तू, तीन चम्मच घी और चार चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे बच्चा स्वस्थ व अच्छी बौद्धिक क्षमता वाला होता है। प्रेग्रेंसी से तीन माह पहले सात-आठ घंटे नींद की आदत डालें। तनाव न लें। प्राणायाम, योगासन करें। प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम व फोलिक एसिड युक्त चीजें आहार में ज्यादा लें। कैफीन युक्त, तली-भुनी चीजें, सोडा और जंक फूड न लें।

नशे को ना-
ऐसी महिलाएं जो धूम्रपान व शराब लेती हैं उन्हें गर्भावती होने से पहले छोड़ देना चाहिए। इससे आने वाले बच्चे को कई जन्मजात दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा उसका मानसिक विकास भी बाधित हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान शुरुआती तीन माह अहम -
गर्भावस्था के शुरुआती तीन माह सबसे अहम होते हैं। इस दौरान हीमोग्लोबिन, कैल्शियम, ब्लड शुगर, यूरीन व एचआईवी की जांचें कराते हैं ताकि शिशु पर कोई गलत असर न आए। कई बार महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेती हैं जो गलत है। कई बार दवा गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के खून में प्रवेश कर जाती है। इसलिए पहले तीन माह डॉक्टर की सलाह बिना कोई दवा ना खाएं। इस दौरान मांसाहारी चीजों व पनीर खाने से बचें। बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या गंभीर है। हवा में हानिकारक कणों से गर्भपात की आशंका बढ़ती है।

हील न पहनें -
गर्भावस्था के दौरान भारी वजन न उठाएं। ज्यादा डांस न करें। सीढिय़ोंं का प्रयोग न करें। हाई हील न पहनें। दो घंटे से ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा न करें। रस्सी आदि न कूदें। कमर से झुकने के बजाय घुटने मोड़कर बैठें।

प्रसव के बाद पौष्टिक आहार लें -
प्रसव के बाद शरीर को पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है। स्तनपान के दौरान बच्चे के समुचित विकास के लिए भी जरूरी है। ऐसे में महिलाओं को प्रोटीन व विटामिन, युक्त चीजों को ज्यादा लेना चाहिए। प्रसूता को 45 दिन तक किसी तरह का व्यायाम नहीं करना चाहिए। गैस बनाने वाली चीजों से बचना चाहिए।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/307Aptc
प्रेगनेंसी प्लानिंग के 3 माह पहले से एेसे करें स्वस्थ बच्चे की तैयारी

हर मां चाहती की उसका बच्चा स्वस्थ और मानसिक तौर पर फिट हो। इसके लिए महिलाएं कई तरह के ट्रीटमेंट व दवाएं आदि लेती हैं। अगर आप भी एक स्वस्थ बच्चा चाहती हैं तो इसके लिए कंसीव करने से पहले रजस्वला चर्या करानी चाहिए। आइये जानते हैं इसके बारे में।

गर्भावस्था से पहले सत्तू, घी व शहद का प्रयोग -
गर्भावस्था से पहले महिला का मानसिक व शारीरिक रूप से स्वास्थ्य जरूरी है। गर्भावस्था के लिए 20 से 30 की उम्र उचित है। गर्भावस्था से पहले पीरियड्स के सात दिन तक जौ का सात चम्मच सत्तू, तीन चम्मच घी और चार चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे बच्चा स्वस्थ व अच्छी बौद्धिक क्षमता वाला होता है। प्रेग्रेंसी से तीन माह पहले सात-आठ घंटे नींद की आदत डालें। तनाव न लें। प्राणायाम, योगासन करें। प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम व फोलिक एसिड युक्त चीजें आहार में ज्यादा लें। कैफीन युक्त, तली-भुनी चीजें, सोडा और जंक फूड न लें।

नशे को ना-
ऐसी महिलाएं जो धूम्रपान व शराब लेती हैं उन्हें गर्भावती होने से पहले छोड़ देना चाहिए। इससे आने वाले बच्चे को कई जन्मजात दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा उसका मानसिक विकास भी बाधित हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान शुरुआती तीन माह अहम -
गर्भावस्था के शुरुआती तीन माह सबसे अहम होते हैं। इस दौरान हीमोग्लोबिन, कैल्शियम, ब्लड शुगर, यूरीन व एचआईवी की जांचें कराते हैं ताकि शिशु पर कोई गलत असर न आए। कई बार महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेती हैं जो गलत है। कई बार दवा गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के खून में प्रवेश कर जाती है। इसलिए पहले तीन माह डॉक्टर की सलाह बिना कोई दवा ना खाएं। इस दौरान मांसाहारी चीजों व पनीर खाने से बचें। बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या गंभीर है। हवा में हानिकारक कणों से गर्भपात की आशंका बढ़ती है।

हील न पहनें -
गर्भावस्था के दौरान भारी वजन न उठाएं। ज्यादा डांस न करें। सीढिय़ोंं का प्रयोग न करें। हाई हील न पहनें। दो घंटे से ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा न करें। रस्सी आदि न कूदें। कमर से झुकने के बजाय घुटने मोड़कर बैठें।

प्रसव के बाद पौष्टिक आहार लें -
प्रसव के बाद शरीर को पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है। स्तनपान के दौरान बच्चे के समुचित विकास के लिए भी जरूरी है। ऐसे में महिलाओं को प्रोटीन व विटामिन, युक्त चीजों को ज्यादा लेना चाहिए। प्रसूता को 45 दिन तक किसी तरह का व्यायाम नहीं करना चाहिए। गैस बनाने वाली चीजों से बचना चाहिए।

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