विधि : आंखों को गर्म पानी से धोने के बाद रूई से अच्छी तरह सुखाया जाता है। इसके बाद आंखों पर घी इक्कठा करने के लिए चारों ओर उड़द के आटे की दीवारें बनाई जाती हैं। शरीर के तापमान के बराबर गर्म घी को नाक के ऊपर से धीरे-धीरे टपकाया जाता है जो आंखों के चारों ओर इक्कठा होता रहता है। इसके बाद मरीज आंखें खोलता और बंद करता है। इस घी के ठंडा होने पर थोड़ा गर्म घी फिर डालते हैं, ऐसा तीन बार होता है। अंत में आंखें गर्म पानी से धोकर 10-15 मिनट तक आराम करना चाहिए।
सावधानी जरूरी -
घी ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। इससे आंखों में फफोले होने की आशंका रहती है। अक्षितर्पण के तुरंत बाद तेज धूप या हवा में नहीं जाना चाहिए। घी सूती कपड़े से अच्छी तरह छना होना चाहिए। आंखों में कोई बीमारी हो तो त्रिफला जैसी प्राकृतिक औषधियां भी घी में डाली जा सकती हैं।
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आंखों की रोशनी तेज करती है अक्षितर्पण, जानें इसके बारे में
विधि : आंखों को गर्म पानी से धोने के बाद रूई से अच्छी तरह सुखाया जाता है। इसके बाद आंखों पर घी इक्कठा करने के लिए चारों ओर उड़द के आटे की दीवारें बनाई जाती हैं। शरीर के तापमान के बराबर गर्म घी को नाक के ऊपर से धीरे-धीरे टपकाया जाता है जो आंखों के चारों ओर इक्कठा होता रहता है। इसके बाद मरीज आंखें खोलता और बंद करता है। इस घी के ठंडा होने पर थोड़ा गर्म घी फिर डालते हैं, ऐसा तीन बार होता है। अंत में आंखें गर्म पानी से धोकर 10-15 मिनट तक आराम करना चाहिए।
सावधानी जरूरी -
घी ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। इससे आंखों में फफोले होने की आशंका रहती है। अक्षितर्पण के तुरंत बाद तेज धूप या हवा में नहीं जाना चाहिए। घी सूती कपड़े से अच्छी तरह छना होना चाहिए। आंखों में कोई बीमारी हो तो त्रिफला जैसी प्राकृतिक औषधियां भी घी में डाली जा सकती हैं।