google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 इस तरह सेल्फी लेना है खतरनाक, बरतें सावधानी - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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इस तरह सेल्फी लेना है खतरनाक, बरतें सावधानी

अगर आप हाथ को पूरा तानकर, कलाई को अंदर की ओर मोड़कर कूदते हुए, चट्टानों पर चलते हुए सेल्फी लेते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान ठीक से संतुलन नहीं बना पाने के कारण गिरने पर कलाई में सबसे अधिक चोट आ सकती है, जिसपर चिकित्सकों ने लोगों से इस तरह से सेल्फी लेने पर सावधानी बरतने को कहा है।

हार्ट केयर फाउंडेशन ( एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, ''आज की पीढ़ी दूसरों की तारीफ पाने के लिए कुछ भी करने काे तैयार रहती है। युवा दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे और कोई नहीं कर सकता।सेल्फी लेने में जितनी हिम्मत दिखाई जाए, उतनी ही प्रशंसा मिलती है। इस तरह की सेल्फी से उन्हें अपने साथियों से तुरंत स्वीकृति मिलने में मदद मिलती है।"

उन्होंने कहा, ''हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहां मोबाइल फोन हमारे जीवन में प्रवेश कर चुका है और वास्तविक मानवीय संपर्क लगभग न के बराबर है। हालांकि प्रौद्योगिकी ने सभी के लिए जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ एक गंभीर सीमा भी है। इनमें से एक है सेल्फी लेना और कई विकृतियों के साथ समस्या की पड़ताल करना, जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों कठिनाइयां शामिल हैं और सबसे ताजा है सेल्फी रिस्ट।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, ''पिछले दो वर्षों में दुनिया भर में सेल्फी का बुखार बढ़ा है। सेल्फी को दुनिया भर में बड़ी संख्या में मृत्यु दर और महत्वपूर्ण बीमारी से जोड़ा गया है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस डिजिटल युग में, अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है मॉडरेशन यानी तकनीक का मध्यम उपयोग होना चाहिए। हम में से बहुत से लोग ऐसे उपकरणों के गुलाम बन गए हैं जो वास्तव में हमें फ्री टाइम देने और जीवन को बेहतर तरीके से अनुभव करने तथा लोगों के साथ अधिक समय बिताने के लिए बनाये गये थे।

उन्होंने कहा, ''जब तक जल्द से जल्द एहतियाती उपाय नहीं किए जाते, यह लत लंबी अवधि में किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

डॉ. अग्रवाल ने मोबाइल फोन के अधिक उपयोग के कारण होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, ''सोने से 30 मिनट पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग न करें। हर तीन महीने में सात दिन के लिए फेसबुक से छुट्टी लें। सप्ताह में एक बार, पूरे दिन के लिए सोशल मीडिया के उपयोग से बचें। अपने मोबाइल फोन का उपयोग केवल तभी करें जब मोबाइल हों। दिन में तीन घंटे से अधिक कंप्यूटर का उपयोग न करें।

उन्होंने कहा, ''अपने मोबाइल टॉक टाइम को दिन में दो घंटे तक सीमित करें। अपने मोबाइल की बैटरी को दिन में एक से अधिक बार रिचार्ज न करें। मोबाइल भी अस्पताल में संक्रमण का एक स्रोत हो सकता है, इसलिए, इसे हर दिन कीटाणुरहित किया जाना चाहिए।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2LGgoDc
इस तरह सेल्फी लेना है खतरनाक, बरतें सावधानी

अगर आप हाथ को पूरा तानकर, कलाई को अंदर की ओर मोड़कर कूदते हुए, चट्टानों पर चलते हुए सेल्फी लेते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान ठीक से संतुलन नहीं बना पाने के कारण गिरने पर कलाई में सबसे अधिक चोट आ सकती है, जिसपर चिकित्सकों ने लोगों से इस तरह से सेल्फी लेने पर सावधानी बरतने को कहा है।

हार्ट केयर फाउंडेशन ( एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, ''आज की पीढ़ी दूसरों की तारीफ पाने के लिए कुछ भी करने काे तैयार रहती है। युवा दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे और कोई नहीं कर सकता।सेल्फी लेने में जितनी हिम्मत दिखाई जाए, उतनी ही प्रशंसा मिलती है। इस तरह की सेल्फी से उन्हें अपने साथियों से तुरंत स्वीकृति मिलने में मदद मिलती है।"

उन्होंने कहा, ''हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहां मोबाइल फोन हमारे जीवन में प्रवेश कर चुका है और वास्तविक मानवीय संपर्क लगभग न के बराबर है। हालांकि प्रौद्योगिकी ने सभी के लिए जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ एक गंभीर सीमा भी है। इनमें से एक है सेल्फी लेना और कई विकृतियों के साथ समस्या की पड़ताल करना, जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों कठिनाइयां शामिल हैं और सबसे ताजा है सेल्फी रिस्ट।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, ''पिछले दो वर्षों में दुनिया भर में सेल्फी का बुखार बढ़ा है। सेल्फी को दुनिया भर में बड़ी संख्या में मृत्यु दर और महत्वपूर्ण बीमारी से जोड़ा गया है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस डिजिटल युग में, अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है मॉडरेशन यानी तकनीक का मध्यम उपयोग होना चाहिए। हम में से बहुत से लोग ऐसे उपकरणों के गुलाम बन गए हैं जो वास्तव में हमें फ्री टाइम देने और जीवन को बेहतर तरीके से अनुभव करने तथा लोगों के साथ अधिक समय बिताने के लिए बनाये गये थे।

उन्होंने कहा, ''जब तक जल्द से जल्द एहतियाती उपाय नहीं किए जाते, यह लत लंबी अवधि में किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

डॉ. अग्रवाल ने मोबाइल फोन के अधिक उपयोग के कारण होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, ''सोने से 30 मिनट पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग न करें। हर तीन महीने में सात दिन के लिए फेसबुक से छुट्टी लें। सप्ताह में एक बार, पूरे दिन के लिए सोशल मीडिया के उपयोग से बचें। अपने मोबाइल फोन का उपयोग केवल तभी करें जब मोबाइल हों। दिन में तीन घंटे से अधिक कंप्यूटर का उपयोग न करें।

उन्होंने कहा, ''अपने मोबाइल टॉक टाइम को दिन में दो घंटे तक सीमित करें। अपने मोबाइल की बैटरी को दिन में एक से अधिक बार रिचार्ज न करें। मोबाइल भी अस्पताल में संक्रमण का एक स्रोत हो सकता है, इसलिए, इसे हर दिन कीटाणुरहित किया जाना चाहिए।

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