google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 मधुमेह की जांच अब बिना दर्द संभव होगी - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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मधुमेह की जांच अब बिना दर्द संभव होगी

स्वीडन के शोधार्थियों ने मधुमेह पीड़ि लोगों के लिए एक माइक्रोनीडल पैच डिजाइन किया है, जिससे आप दर्द महसूस किए बिना पूरे दिन अपने ग्लूकोज स्तर की जांच कर पाएंगे।

लगातार जांच रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने का सुरक्षित और असरदार तरीका है। यह नया शोध उपयोगकर्ताओं को दिनभर अपने ग्लूकोज स्तर की पूरी जानकारी और गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया से बचने में मदद करेगा।

लेकिन इस समय उपयोग किया जाने वाला ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (सीजीएमएस) असहज करनेवाला है, क्योंकि इसमें त्वचा में न्यूनतम 7 मिमी की सुई चुभोकर ब्ल़ड निकाला जाता है। जिसमें मरीज को हल्का दर्द भी सहन करना पड़ता है। सुई के आकार के कारण यह केवल वसा ऊतक का ही माप लेती हैं जो सबसे आदर्श स्थान नहीं है।

स्वीडन में केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया नया उपकरण इससे 50 गुना छोटा है। वहीं, इस उपकरण को बाजू में लगाने पर पैच के संयोजन और अत्यंत छोटे तीन इलेक्ट्रोड एंजाइमैटिक सेंसर रक्त शर्करा के स्तर को सही और गतिशील रूप से ट्रैक करने में सक्षम पाए गए।

संस्थान में इस अध्ययन के शोथार्थी फेडेरिको राइब ने बताया कि हमारा शोध उपयोगकर्ताओं को बिना दर्द पहुंचाए सेवा देने पर केंद्रित है। हम सीधे त्वचा में मौजूद बहुत छोटे रक्त वाहिकाओं के एक समूह को मापते हैं और इसमें कोई तंत्रिका रिसेप्टर्स नहीं हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2ABc6IW
मधुमेह की जांच अब बिना दर्द संभव होगी

स्वीडन के शोधार्थियों ने मधुमेह पीड़ि लोगों के लिए एक माइक्रोनीडल पैच डिजाइन किया है, जिससे आप दर्द महसूस किए बिना पूरे दिन अपने ग्लूकोज स्तर की जांच कर पाएंगे।

लगातार जांच रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने का सुरक्षित और असरदार तरीका है। यह नया शोध उपयोगकर्ताओं को दिनभर अपने ग्लूकोज स्तर की पूरी जानकारी और गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया से बचने में मदद करेगा।

लेकिन इस समय उपयोग किया जाने वाला ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (सीजीएमएस) असहज करनेवाला है, क्योंकि इसमें त्वचा में न्यूनतम 7 मिमी की सुई चुभोकर ब्ल़ड निकाला जाता है। जिसमें मरीज को हल्का दर्द भी सहन करना पड़ता है। सुई के आकार के कारण यह केवल वसा ऊतक का ही माप लेती हैं जो सबसे आदर्श स्थान नहीं है।

स्वीडन में केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया नया उपकरण इससे 50 गुना छोटा है। वहीं, इस उपकरण को बाजू में लगाने पर पैच के संयोजन और अत्यंत छोटे तीन इलेक्ट्रोड एंजाइमैटिक सेंसर रक्त शर्करा के स्तर को सही और गतिशील रूप से ट्रैक करने में सक्षम पाए गए।

संस्थान में इस अध्ययन के शोथार्थी फेडेरिको राइब ने बताया कि हमारा शोध उपयोगकर्ताओं को बिना दर्द पहुंचाए सेवा देने पर केंद्रित है। हम सीधे त्वचा में मौजूद बहुत छोटे रक्त वाहिकाओं के एक समूह को मापते हैं और इसमें कोई तंत्रिका रिसेप्टर्स नहीं हैं।

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