google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 कमर और पैर में दर्द के लिए उपयोगी है 'माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी', जानें इसके बारे में - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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कमर और पैर में दर्द के लिए उपयोगी है 'माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी', जानें इसके बारे में

सियाटिक नर्व रीढ़ (कमर) से निकलने वाली स्पाइनल नर्व से मिलकर बनती है। यह पैर की मांसपेशियों को कंट्रोल करती है और पैरों में दर्द/छूना/तापमान/कंपन संबंधी सूचना स्पाइनल कॉर्ड तक पहुंचाती है। इससे जुड़ने वाली स्पाइनल नर्व पर किसी प्रकार का दबाव आता है तो इससे कमर में दर्द होता है जो कि पैर में करंट की तरह महसूस होता है इसे सियाटिका(आम बोलचाल में साइटिका) कहते हैं।

लक्षण: कमर में दर्द रहना, एक पैर में सुन्नपन रहना, पंजे में कमजोरी आना, एक पैर में पंजे तक दर्द जाना, पेशाब करने में तकलीफ।

इलाज : अगर सियाटिका का कारण स्लिपडिस्क है तो इसका इलाज माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी से होता है। इस तकनीक में मात्र एक या डेढ़ इंच का चीरा कमर में लगाया जाता है और जो नस दबी होती है केवल उसी के आस-पास की मामूली हड्डी औरडिस्क को माइक्रोस्कोप की मदद से हटाया जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी की बनावट में कुछ बदलाव नहीं आता और मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द से छुटकारा मिल जाता है।

इससे पहले बड़े चीरे से ऑपरेशन किया जाता था और अधिक मात्रा में हड्डी वडिस्क निकाली जाती थी जिससे रीढ़ में विकार आने की आशंका रहती थी। ऐसे व्यक्ति जिन्हें कमर और पैर में दर्द रहते हुए छह सप्ताह से अधिक हो गए हों तथा जिन्हें आराम व दर्द निवारक दवाओं से विशेष आराम नहीं आया हो, माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी से इलाज करा सकते हैं। माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी के लिए उपयुक्त वहडिस्क होती है जो कि बीचों-बीच न होकर एक किनारे पर हो।

प्रमुख कारण -
स्लिपडिस्क के कारण दबाव।
स्पाइनल कैनाल का सिकुड़ना।
रीढ़ की हड्डी में वर्टिब्रा का एक दूसरे पर खिसकना।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2TgdWWN
कमर और पैर में दर्द के लिए उपयोगी है 'माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी', जानें इसके बारे में

सियाटिक नर्व रीढ़ (कमर) से निकलने वाली स्पाइनल नर्व से मिलकर बनती है। यह पैर की मांसपेशियों को कंट्रोल करती है और पैरों में दर्द/छूना/तापमान/कंपन संबंधी सूचना स्पाइनल कॉर्ड तक पहुंचाती है। इससे जुड़ने वाली स्पाइनल नर्व पर किसी प्रकार का दबाव आता है तो इससे कमर में दर्द होता है जो कि पैर में करंट की तरह महसूस होता है इसे सियाटिका(आम बोलचाल में साइटिका) कहते हैं।

लक्षण: कमर में दर्द रहना, एक पैर में सुन्नपन रहना, पंजे में कमजोरी आना, एक पैर में पंजे तक दर्द जाना, पेशाब करने में तकलीफ।

इलाज : अगर सियाटिका का कारण स्लिपडिस्क है तो इसका इलाज माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी से होता है। इस तकनीक में मात्र एक या डेढ़ इंच का चीरा कमर में लगाया जाता है और जो नस दबी होती है केवल उसी के आस-पास की मामूली हड्डी औरडिस्क को माइक्रोस्कोप की मदद से हटाया जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी की बनावट में कुछ बदलाव नहीं आता और मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द से छुटकारा मिल जाता है।

इससे पहले बड़े चीरे से ऑपरेशन किया जाता था और अधिक मात्रा में हड्डी वडिस्क निकाली जाती थी जिससे रीढ़ में विकार आने की आशंका रहती थी। ऐसे व्यक्ति जिन्हें कमर और पैर में दर्द रहते हुए छह सप्ताह से अधिक हो गए हों तथा जिन्हें आराम व दर्द निवारक दवाओं से विशेष आराम नहीं आया हो, माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी से इलाज करा सकते हैं। माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी के लिए उपयुक्त वहडिस्क होती है जो कि बीचों-बीच न होकर एक किनारे पर हो।

प्रमुख कारण -
स्लिपडिस्क के कारण दबाव।
स्पाइनल कैनाल का सिकुड़ना।
रीढ़ की हड्डी में वर्टिब्रा का एक दूसरे पर खिसकना।

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