google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 ज्यादा वजन भी बन सकता है डिप्रेशन की वजह - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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ज्यादा वजन भी बन सकता है डिप्रेशन की वजह

भारी शॉपिंग बैग के वजन जैसी साधारण-सी चीज आपके तनाव को बढ़ा सकती है। इस बात का खुलासा हाल ही में हुए एक शोध में हुआ है। एक अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों के समूह को एक विषय पर अपनी राय देने से पहले सामान से भरा शॉपिंग बैग पकड़ने को कहा गया। वहीं दूसरे समूह को खाली हाथ रखा गया।

विज्ञान पत्रिका 'कंज्यूमर रिसर्च' के अनुसार जिन लोगों के हाथों में शॉपिंग बैग थे, उन्होंने खाली हाथ वाले लोगों की तुलना में मुद्दों को ज्यादा गंभीरता से लिया। भौतिक वजन एक इंसान के मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। शोध के दौरान जब वजन उठाए लोगों को गुब्बारे और पंख जैसी हल्की चीजों के बारे में सोचने को कहा तो नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव समाप्त हो गया।

ऐसे हो बदलाव : तनाव झेल रहे लोगों के लिए सोशल ग्रुप से जुडऩा काफी फायदेमंद हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड में हुए शोध में बताया गया कि मरीज अगर सिलाई, कढ़ाई, योगा, खेल या किसी आर्ट क्लब को जॉइन करते हैं तो यह उनके लिए ग्रुप ट्रीटमेंट का काम करेगा। अवसाद से बचने के लिए परिवार के साथ वक्त बिताएं अपने साथी या किसी खास मित्र को परेशानी के बारे में खुलकर बताने से भी चिंता कम होती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2AbiYg2
ज्यादा वजन भी बन सकता है डिप्रेशन की वजह

भारी शॉपिंग बैग के वजन जैसी साधारण-सी चीज आपके तनाव को बढ़ा सकती है। इस बात का खुलासा हाल ही में हुए एक शोध में हुआ है। एक अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों के समूह को एक विषय पर अपनी राय देने से पहले सामान से भरा शॉपिंग बैग पकड़ने को कहा गया। वहीं दूसरे समूह को खाली हाथ रखा गया।

विज्ञान पत्रिका 'कंज्यूमर रिसर्च' के अनुसार जिन लोगों के हाथों में शॉपिंग बैग थे, उन्होंने खाली हाथ वाले लोगों की तुलना में मुद्दों को ज्यादा गंभीरता से लिया। भौतिक वजन एक इंसान के मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। शोध के दौरान जब वजन उठाए लोगों को गुब्बारे और पंख जैसी हल्की चीजों के बारे में सोचने को कहा तो नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव समाप्त हो गया।

ऐसे हो बदलाव : तनाव झेल रहे लोगों के लिए सोशल ग्रुप से जुडऩा काफी फायदेमंद हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड में हुए शोध में बताया गया कि मरीज अगर सिलाई, कढ़ाई, योगा, खेल या किसी आर्ट क्लब को जॉइन करते हैं तो यह उनके लिए ग्रुप ट्रीटमेंट का काम करेगा। अवसाद से बचने के लिए परिवार के साथ वक्त बिताएं अपने साथी या किसी खास मित्र को परेशानी के बारे में खुलकर बताने से भी चिंता कम होती है।

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