google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 हृदय रोग : फैमिली हिस्ट्री है तो रहें अलर्ट - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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हृदय रोग : फैमिली हिस्ट्री है तो रहें अलर्ट


जिन लोगों के परिवार में हृदय रोग के मरीज रहे हैं उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज
बुरा कोलेस्ट्रॉल बढऩे से होने वाली यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। वल्र्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक अगर पिता या भाई में से किसी को 55 की उम्र से पहले अथवा मां या बहन में से किसी को 65 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक हुआ हो, तो परिजनों को हार्ट डिजीज की आशंका अधिक होगी। इसके अलावा कार्डियोमायोपैथी (हृदय की संरचना में बदलाव व ब्लड पंप करने की क्षमता घटना), हार्ट रिद्म प्रॉब्लम (अरिद्मिया), एऑर्टा से जुड़ी बीमारी के इलाज में लेटलतीफी हार्ट के लिए दिक्कत पैदा कर सकती है। जानें फैमिली हिस्ट्री होने पर क्या रखें ध्यान-

ऐसे कम होगा जोखिम
कोरोनरी आर्टरी डिजीज का शुरुआती चरण में पता नहीं चलता। इसलिए परिवार में किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही हो तो अलर्ट हो जाएं। जर्नल ऑफ दी अमरीकन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक भाई या बहन को हार्ट डिजीज होने पर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का जोखिम 100 फीसदी बढ़ जाता है। इसकी वजह भाई-बहनों में समान जींस के अलावा एक जैसी खानपान की आदतों का होना है। ऐसे में बीपी चेक करें, लिपिड प्रोफाइल टैस्ट और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं। साथ ही बच्चों के कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच दो वर्ष की आयु से ही शुरू कर देनी चाहिए। हैल्दी डाइट लें व व्यायाम जरूर करें।

शोरगुल में रहने पर हृदयाघात का खतरा
जर्मनी के ड्रेस्डन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अनुसार व्यस्त सडक़ों के आसपास रहना दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
नए शोध के मुताबिक यातायात के शोरगुल से हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। विमानों की तुलना में सडक़ और रेल यातायात के शोरगुल से हृदय को अधिक खतरा रहता है।

एक्सपर्ट की राय : कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विक्रम गोयल के अनुसार हृदय को किसी भी तरह का तनाव नापसंद है।
व्यस्त दिनचर्या के चलते जब व्यक्तिजल्दबाजी में घर से निकलता है तो उसके दिमाग पर शोरगुल हावी हो जाता है। इससे हृदय पर तनाव की स्थिति बनने से अंग की सेहत प्रभावित होती है।



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हृदय रोग : फैमिली हिस्ट्री है तो रहें अलर्ट


जिन लोगों के परिवार में हृदय रोग के मरीज रहे हैं उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज
बुरा कोलेस्ट्रॉल बढऩे से होने वाली यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। वल्र्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक अगर पिता या भाई में से किसी को 55 की उम्र से पहले अथवा मां या बहन में से किसी को 65 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक हुआ हो, तो परिजनों को हार्ट डिजीज की आशंका अधिक होगी। इसके अलावा कार्डियोमायोपैथी (हृदय की संरचना में बदलाव व ब्लड पंप करने की क्षमता घटना), हार्ट रिद्म प्रॉब्लम (अरिद्मिया), एऑर्टा से जुड़ी बीमारी के इलाज में लेटलतीफी हार्ट के लिए दिक्कत पैदा कर सकती है। जानें फैमिली हिस्ट्री होने पर क्या रखें ध्यान-

ऐसे कम होगा जोखिम
कोरोनरी आर्टरी डिजीज का शुरुआती चरण में पता नहीं चलता। इसलिए परिवार में किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही हो तो अलर्ट हो जाएं। जर्नल ऑफ दी अमरीकन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक भाई या बहन को हार्ट डिजीज होने पर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का जोखिम 100 फीसदी बढ़ जाता है। इसकी वजह भाई-बहनों में समान जींस के अलावा एक जैसी खानपान की आदतों का होना है। ऐसे में बीपी चेक करें, लिपिड प्रोफाइल टैस्ट और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं। साथ ही बच्चों के कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच दो वर्ष की आयु से ही शुरू कर देनी चाहिए। हैल्दी डाइट लें व व्यायाम जरूर करें।

शोरगुल में रहने पर हृदयाघात का खतरा
जर्मनी के ड्रेस्डन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के अनुसार व्यस्त सडक़ों के आसपास रहना दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
नए शोध के मुताबिक यातायात के शोरगुल से हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। विमानों की तुलना में सडक़ और रेल यातायात के शोरगुल से हृदय को अधिक खतरा रहता है।

एक्सपर्ट की राय : कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विक्रम गोयल के अनुसार हृदय को किसी भी तरह का तनाव नापसंद है।
व्यस्त दिनचर्या के चलते जब व्यक्तिजल्दबाजी में घर से निकलता है तो उसके दिमाग पर शोरगुल हावी हो जाता है। इससे हृदय पर तनाव की स्थिति बनने से अंग की सेहत प्रभावित होती है।

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