google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 अगले 20 वर्षों में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या होगी 10 करोड़ - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

नए नुस्खे

Home Top Ad

Post Top Ad

अगले 20 वर्षों में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या होगी 10 करोड़

स्ट्रोक का सामना कर चुके मरीजों में डिमेंशिया होने की अधिक संभावना रहती है। विश्वस्तर पर लगभग 1.5 करोड़ लोग सालाना स्ट्रोक से ग्रस्त होते हैं। डिमेंशिया से पांच करोड़ लोग पीडि़त हैं, यह संख्या अगले 20 वर्षों में लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है। नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।

स्ट्रोक या सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (सीवीए) के परिणाम स्वरूप मस्तिष्क में अचानक रक्त की कमी या मस्तिष्क के भीतर रक्त स्राव होता है, जिसके परिणाम स्व रूप न्यूरोलॉजिकल फंक्शन की हानि होती है। मोटापे, धूम्र पान, उच्च रक्तचाप, शराब की ल त, मधुमेह और पारिवारिक इतिहास आदि पर स्ट्रोक के लिए विचार किया जाता है।

स्ट्रोक के कुछ चेतावनी संकेतों में बांह, हाथ या पैर में कमजोरी शामिल होती है। शरीर के एक तरफ धुंध लापन, नजर में यकायक कम जोरी, खास कर एक आंख में, बोलने में अचानक कठिनाई, समझने में असमर्थता, चक्कर आना या संतुलन का नुकसान और अचा नक से भारी सिरदर्द आदि।

स्ट्रोक दुनिया भर में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है, क्योंकि पिछले कुछ दशकों में भारत में इसका बोझ खतरनाक दर से बढ़ रहा है। इस स्थिति को हल करने की तत्काल आवश्यक ता है और यह केवल सभी जन सांख्यिकीय समूहों के बीच अधिक प्रभावी सार्व जनिक शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें, सप्ताह में 5 बार मध्यम व्यायाम करें, फल सब्जियां और कम सोडियम वाला आहार खाएं, अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करें। स्वस्थ बीएम आई या कमर का अनुपात बनाए रखें, धूम्र पान बंद करिए और सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें, शराब का सेवन कम करें, पुरुषों के लिए दो और महिलाओं के लिए दिन में एक पैग से अधिक नहीं, एट्रियल फाइब्रिलेशन की पह चान करें और उसका इलाज करें, अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित करके मधुमेह से अपने जोखिम को कम करें।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2oBrVsF
अगले 20 वर्षों में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या होगी 10 करोड़

स्ट्रोक का सामना कर चुके मरीजों में डिमेंशिया होने की अधिक संभावना रहती है। विश्वस्तर पर लगभग 1.5 करोड़ लोग सालाना स्ट्रोक से ग्रस्त होते हैं। डिमेंशिया से पांच करोड़ लोग पीडि़त हैं, यह संख्या अगले 20 वर्षों में लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है। नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।

स्ट्रोक या सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (सीवीए) के परिणाम स्वरूप मस्तिष्क में अचानक रक्त की कमी या मस्तिष्क के भीतर रक्त स्राव होता है, जिसके परिणाम स्व रूप न्यूरोलॉजिकल फंक्शन की हानि होती है। मोटापे, धूम्र पान, उच्च रक्तचाप, शराब की ल त, मधुमेह और पारिवारिक इतिहास आदि पर स्ट्रोक के लिए विचार किया जाता है।

स्ट्रोक के कुछ चेतावनी संकेतों में बांह, हाथ या पैर में कमजोरी शामिल होती है। शरीर के एक तरफ धुंध लापन, नजर में यकायक कम जोरी, खास कर एक आंख में, बोलने में अचानक कठिनाई, समझने में असमर्थता, चक्कर आना या संतुलन का नुकसान और अचा नक से भारी सिरदर्द आदि।

स्ट्रोक दुनिया भर में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है, क्योंकि पिछले कुछ दशकों में भारत में इसका बोझ खतरनाक दर से बढ़ रहा है। इस स्थिति को हल करने की तत्काल आवश्यक ता है और यह केवल सभी जन सांख्यिकीय समूहों के बीच अधिक प्रभावी सार्व जनिक शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें, सप्ताह में 5 बार मध्यम व्यायाम करें, फल सब्जियां और कम सोडियम वाला आहार खाएं, अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करें। स्वस्थ बीएम आई या कमर का अनुपात बनाए रखें, धूम्र पान बंद करिए और सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें, शराब का सेवन कम करें, पुरुषों के लिए दो और महिलाओं के लिए दिन में एक पैग से अधिक नहीं, एट्रियल फाइब्रिलेशन की पह चान करें और उसका इलाज करें, अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित करके मधुमेह से अपने जोखिम को कम करें।

https://ift.tt/2wBqdMx Patrika : India's Leading Hindi News Portal

Post Bottom Ad

Pages