आगरा। आजकल ज्यादातर महिलाएं बच्चे को फीड कराने बजाय बॉटल से फीड कराना पसंद करती हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर सताता है कि कहीं फीड कराने से उनका फिगर न बिगड़ जाए। लेकिन महिलाओं की ये धारणा सही नहीं है। इसके अलावा भी ऐसी कई भ्रम हैं जिनका कारण जाने बिना उन्होंने मन में तमाम शंकाएं पाल रखी हैं।
बच्चे को लेटकर फीड कराना कितना सही ?
लेटकर दूध पिलाने से बचना चाहिए क्योंकि खाने की नली और सांस की नली एक ही जगह होती हैं। लेटकर फीड कराने से कई बार दूध बच्चे की सांस नली में जाने का खतरा होता है। ऐसे में उसे निमोनिया, साइनोसिस जैसी परेशानी हो सकती है। बच्चे की जान भी जा सकती है।
बुखार में ब्रेस्टफीडिंग कराना कितना ठीक ?
बुखार आने पर भी मांए बच्चे को आराम से फीड करा सकती हैं नहीं तो बुखार और बढ़ेगा। बुखार की सटीक वजह जानें और उसका इलाज कराएं।
मिक्स फीडिंग कराना कितना सही ?
वैसे तो छह महीने तक सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए, लेकिन यदि सिर्फ मां के दूध से बच्चे का पेट नहीं भरता है तो मिक्स फीडिंग करा सकते हैं।
कितने समय तक फीडिंग जरूरी ?
हर मां को कम से कम छह माह तक नवजात को फीड जरूर कराना चाहिए। मां के दूध में मिनरल्स होते हैं जो बच्चे की ग्रोथ के लिए जरूरी हैं।इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग मां के लिए भी उतनी ही जरूरी है। यदि मां बच्चे को फीड नहीं कराएंगी तो दूध पस में बदल सकता है जो उनके लिए काफी कष्टकारी हो सकता है।
कितनी सही है फिगर बिगड़ने की धारणा ?
डॉ. रश्मि गोयल बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान तीन बार महिलाओं के ब्रेस्ट साइज बढ़ता है जो कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन फीडिंग कराने से ऐसा कुछ नहीं होता। यह धारणा गलत है। यदि किसी तरह का फर्क पड़ता भी है तो बाद में एक्सरसाइज करके पहले जैसा फिगर किया जा सकता है।
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world breastfeeding week 2018 : जानें क्या स्तनपान से महिलाओं का फिगर बिगड़ता है?
आगरा। आजकल ज्यादातर महिलाएं बच्चे को फीड कराने बजाय बॉटल से फीड कराना पसंद करती हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर सताता है कि कहीं फीड कराने से उनका फिगर न बिगड़ जाए। लेकिन महिलाओं की ये धारणा सही नहीं है। इसके अलावा भी ऐसी कई भ्रम हैं जिनका कारण जाने बिना उन्होंने मन में तमाम शंकाएं पाल रखी हैं।
बच्चे को लेटकर फीड कराना कितना सही ?
लेटकर दूध पिलाने से बचना चाहिए क्योंकि खाने की नली और सांस की नली एक ही जगह होती हैं। लेटकर फीड कराने से कई बार दूध बच्चे की सांस नली में जाने का खतरा होता है। ऐसे में उसे निमोनिया, साइनोसिस जैसी परेशानी हो सकती है। बच्चे की जान भी जा सकती है।
बुखार में ब्रेस्टफीडिंग कराना कितना ठीक ?
बुखार आने पर भी मांए बच्चे को आराम से फीड करा सकती हैं नहीं तो बुखार और बढ़ेगा। बुखार की सटीक वजह जानें और उसका इलाज कराएं।
मिक्स फीडिंग कराना कितना सही ?
वैसे तो छह महीने तक सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए, लेकिन यदि सिर्फ मां के दूध से बच्चे का पेट नहीं भरता है तो मिक्स फीडिंग करा सकते हैं।
कितने समय तक फीडिंग जरूरी ?
हर मां को कम से कम छह माह तक नवजात को फीड जरूर कराना चाहिए। मां के दूध में मिनरल्स होते हैं जो बच्चे की ग्रोथ के लिए जरूरी हैं।इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग मां के लिए भी उतनी ही जरूरी है। यदि मां बच्चे को फीड नहीं कराएंगी तो दूध पस में बदल सकता है जो उनके लिए काफी कष्टकारी हो सकता है।
कितनी सही है फिगर बिगड़ने की धारणा ?
डॉ. रश्मि गोयल बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान तीन बार महिलाओं के ब्रेस्ट साइज बढ़ता है जो कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन फीडिंग कराने से ऐसा कुछ नहीं होता। यह धारणा गलत है। यदि किसी तरह का फर्क पड़ता भी है तो बाद में एक्सरसाइज करके पहले जैसा फिगर किया जा सकता है।
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