google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Rakshabandhan 2018 इस बार राखी की डोर है खास, ये हैं नए ट्रेंड्स - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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Rakshabandhan 2018 इस बार राखी की डोर है खास, ये हैं नए ट्रेंड्स

राखी की डोर भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाती है और अब ये डोर ‘सेव गर्ल चाइल्ड’ जैसे सोशल मैसेज भी दे रही है। इन दिनों देश में ऐसे कई ज्वैलरी डिजाइनर्स हैं, जो सोशल कॉज को अपनी क्रिएटिविटी में ढाल रहे हैं। ब्रेसलेट से लेकर चेन, सभी में सोशल मैसेज देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा बहुत से एनजीओ भी राखी मेकिंग में भागीदारी निभा रहे हैं। राखियों में आर्टिस्टिक क्रिएटिविटी दिखाते हुए डिजाइनर सेव हैरिटेज, वीमन एम्पावरमेंट और स्वच्छ भारत का मैसेज दे रहे हैं।

सोशल कनेक्ट
ज्वैलरी डिजाइनर नवीन जैन बताते हैं कि लोग अब सेलिब्रेशन के साथ लोगों को अच्छे मैसेज के जरिए भी कनेक्ट करना चाहते हैं। इनमें गर्ल चाइल्ड, हैरिटेज और नेचर को बचाने की पहल की गई है। ज्वैलरी डिजाइनर विशाखा अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने राखियों में ‘उर्दू’ भाषा को शामिल किया है। जो हार्मेनी का मैसेज देने वाली है।

क्रिएशन को पंख
देश के कुछ एनजीओ राखी मेकिंग के जरिए बच्चों की क्रिएशन में उड़ान भर रहे हैं। उमंग जैसे स्कूल्स में बनीं हैडमेड राखियों को पसंद किया जा रहा है। खासकर स्पेशल स्कूल्स में बच्चे बेहद खूबसूरत क्रिएशन कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ उनकी क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि आत्मनिर्भरता भी आ रही है।

‘स्वैग वाला भाई’
इस समय राखी में क्रिएशन अनलिमिटेड है। मार्केट में कुछ खास टैग लिखी राखियां नजर आ रही हैं, जिन पर ‘स्वैग वाला भाई’, ‘एनआरआई भाई’, ‘केयरिंग वाला भाई’, ‘शेयरिंग वाला भाई’ और ‘ब्रो’ लिखे हुए टैग देखे जा रहे हैं, जो भी यंगस्टर्स को काफी लुभा रहे हैं। ऑनलाइन मार्केट में इनकी अच्छी-खासी डिमांड है।

राखी में भाई-बहन
इन दिनों कस्टमाइज राखियां भी देखी जा रही है, जिसमें भाई और बहन की फोटोज लगाई जा रही है। ज्वैलरी डिजाइनर नीलम गोयल बताती हैं कि शहर में कई लोग इस तरह की कस्टमाइज राखियों को तैयार भी करवा रहे हैं। खासकर बच्चों की फोटोज को लेकर भी राखियां बनाई जा रही है।



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Rakshabandhan 2018 इस बार राखी की डोर है खास, ये हैं नए ट्रेंड्स

राखी की डोर भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाती है और अब ये डोर ‘सेव गर्ल चाइल्ड’ जैसे सोशल मैसेज भी दे रही है। इन दिनों देश में ऐसे कई ज्वैलरी डिजाइनर्स हैं, जो सोशल कॉज को अपनी क्रिएटिविटी में ढाल रहे हैं। ब्रेसलेट से लेकर चेन, सभी में सोशल मैसेज देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा बहुत से एनजीओ भी राखी मेकिंग में भागीदारी निभा रहे हैं। राखियों में आर्टिस्टिक क्रिएटिविटी दिखाते हुए डिजाइनर सेव हैरिटेज, वीमन एम्पावरमेंट और स्वच्छ भारत का मैसेज दे रहे हैं।

सोशल कनेक्ट
ज्वैलरी डिजाइनर नवीन जैन बताते हैं कि लोग अब सेलिब्रेशन के साथ लोगों को अच्छे मैसेज के जरिए भी कनेक्ट करना चाहते हैं। इनमें गर्ल चाइल्ड, हैरिटेज और नेचर को बचाने की पहल की गई है। ज्वैलरी डिजाइनर विशाखा अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने राखियों में ‘उर्दू’ भाषा को शामिल किया है। जो हार्मेनी का मैसेज देने वाली है।

क्रिएशन को पंख
देश के कुछ एनजीओ राखी मेकिंग के जरिए बच्चों की क्रिएशन में उड़ान भर रहे हैं। उमंग जैसे स्कूल्स में बनीं हैडमेड राखियों को पसंद किया जा रहा है। खासकर स्पेशल स्कूल्स में बच्चे बेहद खूबसूरत क्रिएशन कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ उनकी क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि आत्मनिर्भरता भी आ रही है।

‘स्वैग वाला भाई’
इस समय राखी में क्रिएशन अनलिमिटेड है। मार्केट में कुछ खास टैग लिखी राखियां नजर आ रही हैं, जिन पर ‘स्वैग वाला भाई’, ‘एनआरआई भाई’, ‘केयरिंग वाला भाई’, ‘शेयरिंग वाला भाई’ और ‘ब्रो’ लिखे हुए टैग देखे जा रहे हैं, जो भी यंगस्टर्स को काफी लुभा रहे हैं। ऑनलाइन मार्केट में इनकी अच्छी-खासी डिमांड है।

राखी में भाई-बहन
इन दिनों कस्टमाइज राखियां भी देखी जा रही है, जिसमें भाई और बहन की फोटोज लगाई जा रही है। ज्वैलरी डिजाइनर नीलम गोयल बताती हैं कि शहर में कई लोग इस तरह की कस्टमाइज राखियों को तैयार भी करवा रहे हैं। खासकर बच्चों की फोटोज को लेकर भी राखियां बनाई जा रही है।

https://ift.tt/2whyunT August 22, 2018 at 09:49PM

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