google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 जुकाम से लडऩे के लिए आजमाएं आसान तरीके - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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जुकाम से लडऩे के लिए आजमाएं आसान तरीके

सर्दी और जुकाम से बचने के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से बचें। खुद ही डॉक्टर बनने की बजाय फिजिशियन से संपर्क कर उनकी सलाह से दवा आदि लें।

जब शरीर मौसम के अनुसार एडजस्ट नहीं हो पाता तो हम रोगों के शिकार हो जाते हैं। मौसमी बदलाव के दौरान शरीर वातावरण में हो रहे परिवर्तनों को झेल नहीं पाता और हम सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो जाते हैं। इनसे बचने के लिए आप ये उपाय कर सकते हैं।

नाक को कवर करें

आमतौर पर लोग शरीर को स्वेटर, जैकेट या शॉल आदि से कवर कर लेते हैं, लेकिन मुंह और नाक खुले रह जाते हैं जिनसे शरीर में ठंडक जाती है। इसलिए स्कार्फ, कैप या मफलर से कान, सिर और नाक को कवर करें।

लिक्विड डाइट हो ऐसी

गले की खराश और बहती नाक से राहत दिलाने में गर्म सूप काफी मददगार साबित होता है। एक गिलास गर्म पानी में नींबू के रस के साथ शहद मिलाकर पिएं। इसमें मौजूद विटामिन सी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। इसी तरह ग्रीन टी में मौजूद अमीनो अम्ल सर्दी-जुकाम में राहत देता है। दूध में खजूर उबालकर पीने से भी जुकाम में आराम मिलता है।

इन बातों का रहे ध्यान

गले में खराश और नाक भी बंद हो तो एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर नमक डालकर गरारे करें। पानी में विक्स डालकर भाप लेने से भी बंद नाक खुल जाती है। अपना तौलिया और रूमाल दूसरों के साथ शेयर न करें। छींकते समय रूमाल या किसी कपड़े का प्रयोग जरूर करें। ठंड के दिनों में कोल्ड ड्रिंक आदि से परहेज करें।

हाथ बार-बार धोएं

हाथ धोते रहने की आदत हमें कई तरह की परेशानियों से बचाए रखती है। हाथों को साबुन से कम से कम 15 सेकेंड तक जरूर धोएं। दिन में कई बार हाथ धोते रहने की आदत से कोल्ड वायरस फैलने का खतरा कम हो जाता है।

दूसरी तरफ वायरस लगे हाथ, चेहरे पर लगाने से जुकाम का खतरा भी बढ़ जाता है क्योंकि हम अक्सर अपनी नाक छूते रहते हैं, जिससे कीटाणु और ज्यादा फैलते हैं। अगर आप पानी में हाथ देने से कतराते हैं तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

आयुर्वेदिक उपायों से लाभ

अदरक के रस को गर्म करके आधे चम्मच की मात्रा में शहद के साथ लें। सितोपलादि चूर्ण की एक से तीन ग्राम की मात्रा शहद के साथ लें। छोटे बच्चों को इस चूर्ण की मात्रा विशेषज्ञ की सलाह से दें।

इसे गर्भवती महिलाएं भी ले सकती हैं। लक्ष्मीविलास रसवटी की दो-दो गोलियां सुबह, दोपहर व शाम को ले सकते हैं। मुलेठी के टुकड़े को चबाने से कफ की समस्या, गले में खुश्की और सूजन की समस्या दूर होती है।



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जुकाम से लडऩे के लिए आजमाएं आसान तरीके

सर्दी और जुकाम से बचने के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से बचें। खुद ही डॉक्टर बनने की बजाय फिजिशियन से संपर्क कर उनकी सलाह से दवा आदि लें।

जब शरीर मौसम के अनुसार एडजस्ट नहीं हो पाता तो हम रोगों के शिकार हो जाते हैं। मौसमी बदलाव के दौरान शरीर वातावरण में हो रहे परिवर्तनों को झेल नहीं पाता और हम सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो जाते हैं। इनसे बचने के लिए आप ये उपाय कर सकते हैं।

नाक को कवर करें

आमतौर पर लोग शरीर को स्वेटर, जैकेट या शॉल आदि से कवर कर लेते हैं, लेकिन मुंह और नाक खुले रह जाते हैं जिनसे शरीर में ठंडक जाती है। इसलिए स्कार्फ, कैप या मफलर से कान, सिर और नाक को कवर करें।

लिक्विड डाइट हो ऐसी

गले की खराश और बहती नाक से राहत दिलाने में गर्म सूप काफी मददगार साबित होता है। एक गिलास गर्म पानी में नींबू के रस के साथ शहद मिलाकर पिएं। इसमें मौजूद विटामिन सी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। इसी तरह ग्रीन टी में मौजूद अमीनो अम्ल सर्दी-जुकाम में राहत देता है। दूध में खजूर उबालकर पीने से भी जुकाम में आराम मिलता है।

इन बातों का रहे ध्यान

गले में खराश और नाक भी बंद हो तो एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर नमक डालकर गरारे करें। पानी में विक्स डालकर भाप लेने से भी बंद नाक खुल जाती है। अपना तौलिया और रूमाल दूसरों के साथ शेयर न करें। छींकते समय रूमाल या किसी कपड़े का प्रयोग जरूर करें। ठंड के दिनों में कोल्ड ड्रिंक आदि से परहेज करें।

हाथ बार-बार धोएं

हाथ धोते रहने की आदत हमें कई तरह की परेशानियों से बचाए रखती है। हाथों को साबुन से कम से कम 15 सेकेंड तक जरूर धोएं। दिन में कई बार हाथ धोते रहने की आदत से कोल्ड वायरस फैलने का खतरा कम हो जाता है।

दूसरी तरफ वायरस लगे हाथ, चेहरे पर लगाने से जुकाम का खतरा भी बढ़ जाता है क्योंकि हम अक्सर अपनी नाक छूते रहते हैं, जिससे कीटाणु और ज्यादा फैलते हैं। अगर आप पानी में हाथ देने से कतराते हैं तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

आयुर्वेदिक उपायों से लाभ

अदरक के रस को गर्म करके आधे चम्मच की मात्रा में शहद के साथ लें। सितोपलादि चूर्ण की एक से तीन ग्राम की मात्रा शहद के साथ लें। छोटे बच्चों को इस चूर्ण की मात्रा विशेषज्ञ की सलाह से दें।

इसे गर्भवती महिलाएं भी ले सकती हैं। लक्ष्मीविलास रसवटी की दो-दो गोलियां सुबह, दोपहर व शाम को ले सकते हैं। मुलेठी के टुकड़े को चबाने से कफ की समस्या, गले में खुश्की और सूजन की समस्या दूर होती है।

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