google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 शरीर के विषैले तत्त्व बाहर निकालती किडनी, जानें ये खास बातें - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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शरीर के विषैले तत्त्व बाहर निकालती किडनी, जानें ये खास बातें

किडनी और हार्ट शरीर के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। हार्ट रक्त को पंप कर शरीर को ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। किडनी रक्त को शुद्ध करने के साथ विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालती है। यह पसली के ढांचे के नीचे रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ स्थित सेम (बीन) के आकार की होती है। एक किडनी का वजन लगभग 150 ग्राम होता है।

ब्लड व बॉडी फ्लूइड्स को करती नियंत्रित
किडनी की कामकाजी इकाई को चिकित्सा विज्ञान में नेफ्रॉन कहते हैं। प्रत्येक किडनी में असंख्य नेफ्रॉन होते हंै। किडनी का प्रमुख काम है शरीर में ब्लड व बॉडी फ्लूइड्स का स्तर नियंत्रित करना। यह रक्त साफ करने के साथ उसमें रसायन का स्तर संतुलित रखती है। स्वस्थ किडनी से हर एक घंटे में 12 बार शुद्ध रक्त शरीर को मिलता है। एक दिन में किडनी 1 से 2 लीटर अपशिष्ट पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकालती है। स्वस्थ किडनी शरीर में पानी की मात्रा भी नियंत्रित करती है। किडनी का एक महत्त्वपूर्ण काम यह भी है कि शरीर में ज्यादा पानी होने पर बाहर निकालना या शरीर को जरूरत के अनुसार पानी उपलब्ध कराना।

किडनी रोगों का उपचार
किडनी में स्टोन होने पर दवाएंं दी जाती हैं। गंभीर स्थिति में सर्जरी करके स्टोन निकाला जाता है।
इंफेक्शन : यह दूषित खानपान से होता है। दोनों ही मामलों में मरीज को अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है।

शरीर में न होने दें पानी की कमी
शरीर में पर्याप्त पानी रहेगा, तो किडनी स्वस्थ रहेगी और अपना काम चुस्ती से करेगी। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। प्रतिदिन 10-15 गिलास पानी जरूर पीएं।


शारीरिक श्रम या नियमित कसरत करें। रोजाना 30-35 मिनट का वर्कआउट दिनचर्या में शामिल करें जैसे वॉक, साइक्लिंग, जॉगिंग और स्वीमिंग आदि। अधिक दर्द निवारक दवाएं लेने से बचें, डॉक्टरी सलाह के बिना दवाएं न लें।
उच्च रक्तचाप किडनी को क्षति पहुंचाता है। बीपी के मरीज ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।


किडनी स्वस्थ होगी तो पेशाब का रंग हल्का पीला होगा। यदि पेशाब का रंग गहरा है तो इसका मतलब है किडनी को पानी कम मिल रहा है। ऐसे में पर्याप्त पानी पीएं।


संतुलित खानपान लेने से किडनी की कार्यक्षमता दुरुस्त रहती है।


स्मोकिंग और शराब किडनी पर बुरा प्रभाव डालती है। ऐसे में किडनी को रक्त से विषैले पदार्थ निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में शरीर के अन्य अंगों की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ता है। इसलिए इनसे दूरी बनाएं।


योग व ध्यान से मन को शांत रखें। तनाव से बचें।

डाइट में शामिल करें हरी सब्जियां व फल
किडनी को हैल्दी रखने के लिए डाइट में हरी सब्जियां, फलों के साथ खाने मेंं ओलिव ऑयल का इस्तेमाल करें।
खाने में अधिक नमक न लें।
लिक्विड डाइट जरूर लें।



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शरीर के विषैले तत्त्व बाहर निकालती किडनी, जानें ये खास बातें

किडनी और हार्ट शरीर के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। हार्ट रक्त को पंप कर शरीर को ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। किडनी रक्त को शुद्ध करने के साथ विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालती है। यह पसली के ढांचे के नीचे रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ स्थित सेम (बीन) के आकार की होती है। एक किडनी का वजन लगभग 150 ग्राम होता है।

ब्लड व बॉडी फ्लूइड्स को करती नियंत्रित
किडनी की कामकाजी इकाई को चिकित्सा विज्ञान में नेफ्रॉन कहते हैं। प्रत्येक किडनी में असंख्य नेफ्रॉन होते हंै। किडनी का प्रमुख काम है शरीर में ब्लड व बॉडी फ्लूइड्स का स्तर नियंत्रित करना। यह रक्त साफ करने के साथ उसमें रसायन का स्तर संतुलित रखती है। स्वस्थ किडनी से हर एक घंटे में 12 बार शुद्ध रक्त शरीर को मिलता है। एक दिन में किडनी 1 से 2 लीटर अपशिष्ट पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकालती है। स्वस्थ किडनी शरीर में पानी की मात्रा भी नियंत्रित करती है। किडनी का एक महत्त्वपूर्ण काम यह भी है कि शरीर में ज्यादा पानी होने पर बाहर निकालना या शरीर को जरूरत के अनुसार पानी उपलब्ध कराना।

किडनी रोगों का उपचार
किडनी में स्टोन होने पर दवाएंं दी जाती हैं। गंभीर स्थिति में सर्जरी करके स्टोन निकाला जाता है।
इंफेक्शन : यह दूषित खानपान से होता है। दोनों ही मामलों में मरीज को अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है।

शरीर में न होने दें पानी की कमी
शरीर में पर्याप्त पानी रहेगा, तो किडनी स्वस्थ रहेगी और अपना काम चुस्ती से करेगी। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। प्रतिदिन 10-15 गिलास पानी जरूर पीएं।


शारीरिक श्रम या नियमित कसरत करें। रोजाना 30-35 मिनट का वर्कआउट दिनचर्या में शामिल करें जैसे वॉक, साइक्लिंग, जॉगिंग और स्वीमिंग आदि। अधिक दर्द निवारक दवाएं लेने से बचें, डॉक्टरी सलाह के बिना दवाएं न लें।
उच्च रक्तचाप किडनी को क्षति पहुंचाता है। बीपी के मरीज ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।


किडनी स्वस्थ होगी तो पेशाब का रंग हल्का पीला होगा। यदि पेशाब का रंग गहरा है तो इसका मतलब है किडनी को पानी कम मिल रहा है। ऐसे में पर्याप्त पानी पीएं।


संतुलित खानपान लेने से किडनी की कार्यक्षमता दुरुस्त रहती है।


स्मोकिंग और शराब किडनी पर बुरा प्रभाव डालती है। ऐसे में किडनी को रक्त से विषैले पदार्थ निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में शरीर के अन्य अंगों की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ता है। इसलिए इनसे दूरी बनाएं।


योग व ध्यान से मन को शांत रखें। तनाव से बचें।

डाइट में शामिल करें हरी सब्जियां व फल
किडनी को हैल्दी रखने के लिए डाइट में हरी सब्जियां, फलों के साथ खाने मेंं ओलिव ऑयल का इस्तेमाल करें।
खाने में अधिक नमक न लें।
लिक्विड डाइट जरूर लें।

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