google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 शिशु को 4 माह से पहले ठोस आहार देने पर हो सकती मोटापे की दिक्कत - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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शिशु को 4 माह से पहले ठोस आहार देने पर हो सकती मोटापे की दिक्कत

जन्म के शुरुआती माह में दिया जाने वाला ठोस आहार शिशु के मस्तिष्क और शरीर के विकास के लिए जरूरी है। आहार सही तरीके और समय पर देने से बच्चे को एलर्जी से भी दूर रख सकते हैं।

प्रश्न : बच्चे का खानपान कब शुरू करना चाहिए?
ज्यादातर बच्चे को 4 से 6 माह के बीच ठोस आहार दिया जाता है। शोध से पता चलता है कि बच्चे को 4 माह से पहले ठोस आहार शुरू करने से बच्चों में मोटापे का खतरा बढ़ सकता है। इस दौरान शिशु द्वारा सिर संभालना, आहार मुंह में अंदर ले जाने की क्षमता, स्तन या बोतल को खींचना और अन्य चीजों को करने या खाने के लिए चारों ओर देखने की क्षमताएं शामिल हैं। यदि बच्चा ठोस आहार खिलाने पर जीभ से बाहर निकाल देता है तो उसको ठोस पदार्थ देने के लिए एक सप्ताह बाद दोबारा प्रयास करें।

प्रश्न : कौनसी चीजें खिलाकर शुरुआत करनी चाहिए?
ठोस आहार के लिए वैसे कोई सख्त दिशा-निर्देश नहीं हैं। पहले 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को आयरन और जिंक से भरपूर अनाज ठोस आहार के रूप में देते थे। कुछ फूड एक्सपट्र्स का मानना है कि, मांस इन पोषक तत्वों का बेहतर स्रोत है। इससे मैं भी सहमत हूं। मैं शिशु के लिए स्वस्थ वसा का अच्छा स्रोत एवोकाडो खिलाना पसंद करती हूं, जो मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ हरी सब्जियां भी शामिल हैं। जितनी जल्दी शिशु को हरी सब्जियां देंगे, उतनी जल्दी उसका स्वाद विकसित होगा।

प्रश्न : मैं अपने बच्चे को पानी या जूस कब दे सकती हूं?
बच्चों को जूस की जरूरत नहीं है। उन्हें फाइबर युक्त फल देना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए सादे पानी की आदत बेहतर है।

प्रश्न : खाद्य पदार्थों से एलर्जी की आशंका पर क्या करें?
कुछ साल पहले, एक अध्ययन में बताया गया था कि जब तक बच्चों में खाद्य पदार्थों से त्वचा पर चकत्ते, चेहरे पर सूजन या सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिखाई न दें तब तक वह सब दे सकते हैं।

प्रश्न : बच्चे को कौनसे खाद्य पदार्थ नहीं देने चाहिए?
12 माह से कम उम्र के शिशु को शहद न दें। इससे बोटुलिज्म नमक बीमारी हो सकती है। एक साल से बड़े बच्चों को दे सकते हैं क्योंकि उनमें पेट संबंधी बीमारियों से लडऩे की क्षमता होती है। खाने में अटकने वाली चीजों को देने से बचें।

प्रश्न : शुरुआत में बच्चे को खिलाने की आदत कैसे डालेंं?
बच्चे के मुंह में छोटे चम्मच से थोड़ा सा सूप देकर शुरुआत करें। फिर प्रतीक्षा करें और देखें कि क्या होता है। अगर वह अपना मुंह खोलता है और चम्मच की तरफ मुड़ता है तो उसे और खिलाएं। अगर वह दूर हो जाता है या मुंह बंद करता है तो जबरदस्ती न करें। एक सप्ताह तक इंतजार करें। इसके बाद दोबारा प्रयास करें, वह खाने लगेगा। खुद खाते हुए बच्चा गंदा हो सकता है, फिर भी उसे खाने दें। जितना अधिक बच्चा स्वस्थ भोजन की गंध, स्वाद, स्वस्थ भोजन खोजने की कोशिश करता है, उतना अधिक वह बड़ा होकर उन खाद्य पदार्थों को खाना शुरू कर सकता है।

प्रश्न : बच्चा खुद से खाने की कोशिश करें तो क्या देना सही रहेगा?
शिशु 8 या 9 महीने के बाद खुद से खाने की कोशिश करते हैं। शिशु के मुलायम मसूड़ों से खाने वाले खाद्य पदार्थ मैश करके दिए जा सकते है। उबले नरम मटर, सब्जियां, अंडे के टुकड़े, मसूर, रोटी, या चिकन और पोषक तत्वों से भरपूर स्ट्रॉबेरी, जामुन के टुकड़े बच्चे को दे सकते है।



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शिशु को 4 माह से पहले ठोस आहार देने पर हो सकती मोटापे की दिक्कत

जन्म के शुरुआती माह में दिया जाने वाला ठोस आहार शिशु के मस्तिष्क और शरीर के विकास के लिए जरूरी है। आहार सही तरीके और समय पर देने से बच्चे को एलर्जी से भी दूर रख सकते हैं।

प्रश्न : बच्चे का खानपान कब शुरू करना चाहिए?
ज्यादातर बच्चे को 4 से 6 माह के बीच ठोस आहार दिया जाता है। शोध से पता चलता है कि बच्चे को 4 माह से पहले ठोस आहार शुरू करने से बच्चों में मोटापे का खतरा बढ़ सकता है। इस दौरान शिशु द्वारा सिर संभालना, आहार मुंह में अंदर ले जाने की क्षमता, स्तन या बोतल को खींचना और अन्य चीजों को करने या खाने के लिए चारों ओर देखने की क्षमताएं शामिल हैं। यदि बच्चा ठोस आहार खिलाने पर जीभ से बाहर निकाल देता है तो उसको ठोस पदार्थ देने के लिए एक सप्ताह बाद दोबारा प्रयास करें।

प्रश्न : कौनसी चीजें खिलाकर शुरुआत करनी चाहिए?
ठोस आहार के लिए वैसे कोई सख्त दिशा-निर्देश नहीं हैं। पहले 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को आयरन और जिंक से भरपूर अनाज ठोस आहार के रूप में देते थे। कुछ फूड एक्सपट्र्स का मानना है कि, मांस इन पोषक तत्वों का बेहतर स्रोत है। इससे मैं भी सहमत हूं। मैं शिशु के लिए स्वस्थ वसा का अच्छा स्रोत एवोकाडो खिलाना पसंद करती हूं, जो मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ हरी सब्जियां भी शामिल हैं। जितनी जल्दी शिशु को हरी सब्जियां देंगे, उतनी जल्दी उसका स्वाद विकसित होगा।

प्रश्न : मैं अपने बच्चे को पानी या जूस कब दे सकती हूं?
बच्चों को जूस की जरूरत नहीं है। उन्हें फाइबर युक्त फल देना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए सादे पानी की आदत बेहतर है।

प्रश्न : खाद्य पदार्थों से एलर्जी की आशंका पर क्या करें?
कुछ साल पहले, एक अध्ययन में बताया गया था कि जब तक बच्चों में खाद्य पदार्थों से त्वचा पर चकत्ते, चेहरे पर सूजन या सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिखाई न दें तब तक वह सब दे सकते हैं।

प्रश्न : बच्चे को कौनसे खाद्य पदार्थ नहीं देने चाहिए?
12 माह से कम उम्र के शिशु को शहद न दें। इससे बोटुलिज्म नमक बीमारी हो सकती है। एक साल से बड़े बच्चों को दे सकते हैं क्योंकि उनमें पेट संबंधी बीमारियों से लडऩे की क्षमता होती है। खाने में अटकने वाली चीजों को देने से बचें।

प्रश्न : शुरुआत में बच्चे को खिलाने की आदत कैसे डालेंं?
बच्चे के मुंह में छोटे चम्मच से थोड़ा सा सूप देकर शुरुआत करें। फिर प्रतीक्षा करें और देखें कि क्या होता है। अगर वह अपना मुंह खोलता है और चम्मच की तरफ मुड़ता है तो उसे और खिलाएं। अगर वह दूर हो जाता है या मुंह बंद करता है तो जबरदस्ती न करें। एक सप्ताह तक इंतजार करें। इसके बाद दोबारा प्रयास करें, वह खाने लगेगा। खुद खाते हुए बच्चा गंदा हो सकता है, फिर भी उसे खाने दें। जितना अधिक बच्चा स्वस्थ भोजन की गंध, स्वाद, स्वस्थ भोजन खोजने की कोशिश करता है, उतना अधिक वह बड़ा होकर उन खाद्य पदार्थों को खाना शुरू कर सकता है।

प्रश्न : बच्चा खुद से खाने की कोशिश करें तो क्या देना सही रहेगा?
शिशु 8 या 9 महीने के बाद खुद से खाने की कोशिश करते हैं। शिशु के मुलायम मसूड़ों से खाने वाले खाद्य पदार्थ मैश करके दिए जा सकते है। उबले नरम मटर, सब्जियां, अंडे के टुकड़े, मसूर, रोटी, या चिकन और पोषक तत्वों से भरपूर स्ट्रॉबेरी, जामुन के टुकड़े बच्चे को दे सकते है।

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