google.com, pub-5031399508792770, DIRECT, f08c47fec0942fa0 अधूरी नींद से बढ़ती हैं कई बीमारियां - Ayurveda And Gharelu Vaidya Happy Diwali 2018

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अधूरी नींद से बढ़ती हैं कई बीमारियां

यूं तो नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन नींद न आने से शरीर में कई दिक्कतें बढ़ सकती हैं। कैफीन या एल्कोहल लेना, धूम्रपान करना, सोने का समय निर्धारित न होना, देर रात तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल भी नींद को प्रभावित करते हैं। ऐसे में इनमें बचें ताकि अन्य बीमारियों का खतरा कम किया जा सके।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के दौरान रक्त के ऑक्सीजन स्तर में अचानक कमी आना और ब्लड प्रेशर बढऩा सरीखी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इससे ग्रस्त लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, जिससे हृदय संबंधी रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। यह रोग जितना गंभीर होगा, दिल का दौरा पडऩा, हृदय की धडक़न रुक जाना और स्ट्रोक होने का जोखिम उतना ही बढ़़ जाता है।

अवसाद
अवसाद या डिप्रेशन का एक बड़ा कारण अधूरी नींद या अनिद्रा भी है। सही समय पर ध्यान ना देने के कारण उनमें चिड़चिड़ाहट, भूख ना लगना, अकारण गुस्सा आना और नींद न आना जैसी समस्याएं भी जन्म लेने लगती हैं। इससे कई अन्य बीमारियां भी शरीर में घर करने लगती हैं।

केंद्रीय स्लीप एप्निया
इस स्थिति में सांस की नली में अवरोध उत्पन्न नहीं होता, लेकिन दिमाग शरीर को सांस लेने के लिए संकेत देना भूल जाता है।

जोड़ों में दर्द का भी कारण
किसी लंबी बीमारी से पीडि़त होने पर भी नींद में बाधा होने लगती है। गठिया व जोड़ों के कई तरह के दर्द में रात के समय ही दर्द ज्यादा होने लगता है। साइनस, ब्रोन्काइटिस आदि सांस से जुड़ी समस्याओं में भी नींद आने में परेशानी होने लगती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर होने वाली घबराहट और बेचैनी भी नींद की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपनी इन दिक्कतों को डॉक्टर से साझा करें ताकि अनिद्रा से होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।



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अधूरी नींद से बढ़ती हैं कई बीमारियां

यूं तो नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन नींद न आने से शरीर में कई दिक्कतें बढ़ सकती हैं। कैफीन या एल्कोहल लेना, धूम्रपान करना, सोने का समय निर्धारित न होना, देर रात तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल भी नींद को प्रभावित करते हैं। ऐसे में इनमें बचें ताकि अन्य बीमारियों का खतरा कम किया जा सके।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के दौरान रक्त के ऑक्सीजन स्तर में अचानक कमी आना और ब्लड प्रेशर बढऩा सरीखी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इससे ग्रस्त लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, जिससे हृदय संबंधी रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। यह रोग जितना गंभीर होगा, दिल का दौरा पडऩा, हृदय की धडक़न रुक जाना और स्ट्रोक होने का जोखिम उतना ही बढ़़ जाता है।

अवसाद
अवसाद या डिप्रेशन का एक बड़ा कारण अधूरी नींद या अनिद्रा भी है। सही समय पर ध्यान ना देने के कारण उनमें चिड़चिड़ाहट, भूख ना लगना, अकारण गुस्सा आना और नींद न आना जैसी समस्याएं भी जन्म लेने लगती हैं। इससे कई अन्य बीमारियां भी शरीर में घर करने लगती हैं।

केंद्रीय स्लीप एप्निया
इस स्थिति में सांस की नली में अवरोध उत्पन्न नहीं होता, लेकिन दिमाग शरीर को सांस लेने के लिए संकेत देना भूल जाता है।

जोड़ों में दर्द का भी कारण
किसी लंबी बीमारी से पीडि़त होने पर भी नींद में बाधा होने लगती है। गठिया व जोड़ों के कई तरह के दर्द में रात के समय ही दर्द ज्यादा होने लगता है। साइनस, ब्रोन्काइटिस आदि सांस से जुड़ी समस्याओं में भी नींद आने में परेशानी होने लगती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर होने वाली घबराहट और बेचैनी भी नींद की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपनी इन दिक्कतों को डॉक्टर से साझा करें ताकि अनिद्रा से होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।

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