
चमकदार आभूषणों का आकर्षण भी इन मिट्टी के आभूषणों के आगे फीका पडऩे लगा है। युवा लड़कियों में इन दिनों टेराकोटा और डिफरेंट क्ले से तैयार ज्वैलरी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इनमें न सिर्फ उन्हें अट्रैक्टिव कलर्स मिल रहे हैं, बल्कि मॉडर्न टच ने भी इनमें नई जान फूंक दी है। एक जमाना था जब टेराकोटा ज्वैलरी में सिर्फ भगवान और राजा-महाराजा के फिगर्स ही नजर आते थे। लेकिन आज एनिमल्स, ज्योमैट्रिक डिजाइंस, फ्लॉवर्स और कार्टून भी देखने को मिल रहे हैं। एक्सपर्टस के मुताबिक ये पूरी ज्वैलरी हैंडमेड होती है, इनमें किसी तरह की मशीनरी का यूज नहीं होता है।
कलर्स और पैटर्न
इनमें अट्रैक्टिव कलर्स और डिजाइंस का यूज होने लगा है। खासकर रिंग पैटर्न में तो काफी एक्सपेरिमेंट देखने को मिल रहे हैं। क्ले से कॉकटेल रिंग्स तक तैयार की जा रही हैं। नेकलेस, बेसलेट, बैंगल्स और ईयररिंग्स, सभी में क्ले आर्ट नायाब रंगत बिखेर रहा है।
पॉपुलर हो रहा है ये आर्ट वर्क
एक्सपर्ट ओम शर्मा बताते हैं कि ज्वैलरी में क्ले आर्ट धीरे-धीरे काफी पॉपुलर हो रहा है। हाल ही एक क्ले रिंग मेकिंग की वर्कशॉप रखी गई थी। जिसका शानदार रेस्पॉन्स देखने को मिला। इसमें प्लास्टिक क्ले का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, जिसमें एनिमल्स फिगर बनाए जा रहे है। प्लास्टिक क्ले से तैयार ज्वैलरी मॉडर्न लुक देती हैं।
खास है बनाने की तकनीक
एक्सपर्ट अंशु राजा जैन बताते हैं कि टेराकोटा ज्वैलरी में नेचुरल क्ले का यूज होता है। इसे आटे की तरह गूंदा जाता है, फिर शेप में दिया जाता है। इसके बाद धूप में सुखाना पड़ता है, ताकि ये टफ हो जाए। राजस्थान में पुष्कर में इस तरह की ज्वैलरी बनाई जाती है। इनमें मेटल, सिल्क का कपड़ा और क लर्स का यूज होता है। ज्वैलरी डिजाइनर खुशबू बताती हैं, ‘टेराकोटा ज्वैलरी का रूझान पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रहा है।
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मिट्टी से बने हैं ये गहने, गोल्ड ज्वैलरी से ज्यादा पसंद करती हैं लड़कियां

चमकदार आभूषणों का आकर्षण भी इन मिट्टी के आभूषणों के आगे फीका पडऩे लगा है। युवा लड़कियों में इन दिनों टेराकोटा और डिफरेंट क्ले से तैयार ज्वैलरी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इनमें न सिर्फ उन्हें अट्रैक्टिव कलर्स मिल रहे हैं, बल्कि मॉडर्न टच ने भी इनमें नई जान फूंक दी है। एक जमाना था जब टेराकोटा ज्वैलरी में सिर्फ भगवान और राजा-महाराजा के फिगर्स ही नजर आते थे। लेकिन आज एनिमल्स, ज्योमैट्रिक डिजाइंस, फ्लॉवर्स और कार्टून भी देखने को मिल रहे हैं। एक्सपर्टस के मुताबिक ये पूरी ज्वैलरी हैंडमेड होती है, इनमें किसी तरह की मशीनरी का यूज नहीं होता है।
कलर्स और पैटर्न
इनमें अट्रैक्टिव कलर्स और डिजाइंस का यूज होने लगा है। खासकर रिंग पैटर्न में तो काफी एक्सपेरिमेंट देखने को मिल रहे हैं। क्ले से कॉकटेल रिंग्स तक तैयार की जा रही हैं। नेकलेस, बेसलेट, बैंगल्स और ईयररिंग्स, सभी में क्ले आर्ट नायाब रंगत बिखेर रहा है।
पॉपुलर हो रहा है ये आर्ट वर्क
एक्सपर्ट ओम शर्मा बताते हैं कि ज्वैलरी में क्ले आर्ट धीरे-धीरे काफी पॉपुलर हो रहा है। हाल ही एक क्ले रिंग मेकिंग की वर्कशॉप रखी गई थी। जिसका शानदार रेस्पॉन्स देखने को मिला। इसमें प्लास्टिक क्ले का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, जिसमें एनिमल्स फिगर बनाए जा रहे है। प्लास्टिक क्ले से तैयार ज्वैलरी मॉडर्न लुक देती हैं।
खास है बनाने की तकनीक
एक्सपर्ट अंशु राजा जैन बताते हैं कि टेराकोटा ज्वैलरी में नेचुरल क्ले का यूज होता है। इसे आटे की तरह गूंदा जाता है, फिर शेप में दिया जाता है। इसके बाद धूप में सुखाना पड़ता है, ताकि ये टफ हो जाए। राजस्थान में पुष्कर में इस तरह की ज्वैलरी बनाई जाती है। इनमें मेटल, सिल्क का कपड़ा और क लर्स का यूज होता है। ज्वैलरी डिजाइनर खुशबू बताती हैं, ‘टेराकोटा ज्वैलरी का रूझान पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रहा है।